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भुवनेश्वर, 16 अक्तूबर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता दामोदर राउत ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि कथित तौर पर पार्टी की नीति बनाने की प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बसंत पांडा को लिखे एक पत्र में श्री राउत ने कहा कि पार्टी की बैठकों और निर्णय लेने में उनकी उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं है।
श्री राउत ने कहा,
"यह बहुत दुख की बात है कि पार्टी की बैठकों और निर्णय लेने में उनकी उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं है। इससे मुझे गहरा मानसिक दुख हुआ है।"
पूर्व में राज्य में मंत्री रहे राउत ने बीजू जनता दल (बीजद) से निकाले जाने के बाद मार्च में इस साल भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी।
राउत ने कहा कि उन्हें पार्टी में अप्रासंगिक बनाकर सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
राउत ने कहा,
"राज्य विधानसभा में 35 वर्ष तक विधायक और मंत्रिमंडल में छह बार मंत्री रहने के बाद पार्टी में मुझे सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।"
राउत ने बालीकुडा-इरसामा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर 2019 का चुनाव लड़ा था और हार गए थे।
भाजपा अध्यक्ष पांडा ने कहा, "हमारी पार्टी में सभी बराबर हैं, किसी की अनदेखी नहीं की गई है। यहां प्रधानमंत्री सहित हर कोई नेता है और कार्यकर्ता भी है।"