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स्टेम सेल थेरेपी एवं पीआरपी विधि से बीमारियों के जटिल दर्द से बचा जा सकता है

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hastakshep
09 Apr 2019
स्टेम सेल थेरेपी एवं पीआरपी विधि से बीमारियों के जटिल दर्द से बचा जा सकता है

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देश-विदेश के डॉक्टरों के लिए पेन मैनेजमेंट विषय पर सजीव कार्यशाला (लाइव वर्कशॉप - Live Workshop on Pen Management) का हुआ आयोजन…. बिना ऑपरेशन दर्द कम करने का इलाज (Treatment without pain relief) करने के संदर्भ में दिया प्रशिक्षण

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गाजियाबाद, 09 अप्रैल 2019. यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी, गाज़ियाबाद (Yashoda Super Specialty Hospital, Kaushambi, Ghaziabad) में डॉक्टरों के लिए सजीव कार्यशाला (लाइव वर्कशॉप) के आयोजन के अवसर पर देश विदेश के 12 डॉक्टरों ने शिरकत की। वर्कशॉप का उद्घाटन यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी, गाजियाबाद के एम डी डॉ. पी एन अरोड़ा ने किया।

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एक विज्ञप्ति के मुताबिक इस वर्कशॉप में भारत के व अन्तर्राष्ट्रीय 12 डॉक्टरों ने प्रशिक्षण लिया, जिनमें बांग्ला देश, एवं अमेरिका के डॉक्टर भी सम्मिलित थे।  इन सभी को संवेदनाहरण विज्ञान- Anesthesiology (पेन मैनेजमेंट) की महत्‍वपूर्ण विधियों का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे इन डॉक्टरों में आत्‍म निर्भरता लाई जा सके।

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आजकल संवेदनाहरण विज्ञान मुख्‍य नैदानिक विभागों में से एक होता जा रहा है तथा धीरे धीरे इसकी मांग भी बढ़ रही है।

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अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पेन मैनेजमेंट कंसल्टेंट (Pen Management Consultant in Delhi/NCR) डॉ नीरज जैन ने इस वर्कशॉप की अध्यक्षता की, यशोदा हॉस्पिटल कौशाम्बी में आयोजित इस वर्कशॉप का संचालन वरिष्ठ पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉक्टर सुनील शर्मा ने किया।

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मंगलवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन और डॉक्टर सुनील शर्मा की टीम ने बताया कि वक्त के साथ पैन मैनेजमेंट के ट्रीटमेंट में सुधार हुआ है तथा नई तकनीकों जैसे कि स्टेम सेल थेरेपी (Stem cell therapy) एवं पीआरपी विधि से बीमारियों के जटिल दर्द से बचा जा सकता है।

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डॉ नीरज जैन ने बताया कि कैंसर, सायटिका, स्लिप डिस्क जैसी बीमारियों की वजह से पेशंट को होने वाले जानलेवा दर्द और उसकी पीड़ा से डॉक्टर भी कांप जाते हैं, हालात यहां तक होते हैं कि परिजन ऐसी स्थिति में अपने ही मरीज की मौत चाहने लगते हैं।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ नीरज जैन एवं डॉ सुनील शर्मा ने कहा कि इस सजीव कार्यशाला का उद्देश्‍य चिकित्‍सा शिक्षा की संवेदनाहरण विज्ञान (पेन मैनेजमेंट) में डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना है ताकि भारत के व विश्व स्तर पर चिकित्‍सा संस्‍थानों में संवेदनाहरण विज्ञान (पेन मैनेजमेंट) के उच्‍च मानक एवं तकनीकी का उपयोग मरीजों को दर्द से निजात पाने के लिए किया जा सके, इसमें हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का बिना ऑपरेशन दर्द कम करने का इलाज करने के संदर्भ में प्रशिक्षण दिया गया।

डॉ पी एन अरोड़ा ने इस वर्कशॉप के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर सभी डॉक्टरों को बढ़ाई सन्देश देते हुए कहा कि भारत फिर से विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है तथा उन्हें आशा है कि इस ट्रेनिंग को ले कर डॉक्टर लोगों का सफलतापूर्वक दर्द निवारण कर सकेंगे। इस वर्कशॉप में डॉ सुनील डागर, महाप्रबंधक, यशोदा हॉस्पिटल भी मौजूद थे।

डॉ नीरज जैन ने कहा कि मरीज को लाइफ की क्वॉलिटी देने के मकसद से यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने यह पहल की है।

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