मलेरिया एक गंभीर ज्वर संबंधी बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक गैर-प्रतिरक्षित व्यक्ति (non-immune individual) में मलेरिया के लक्षण मच्छर के काटने के 10-15 दिन बाद दिखाई देते हैं।
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मलेरिया का पहला लक्षण है - बुखार, सिरदर्द, और ठंड लगना ( हल्की हो सकता है) और मलेरिया के रूप में पहचानना मुश्किल हो सकता है।
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यदि 24 घंटों के भीतर मलेरिया का इलाज नहीं किया जाता है, तो पी. फाल्सीपेरम मलेरिया गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है, जो अक्सर मौत की ओर ले जाता है।
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डब्ल्यूएचओ के मुताबिक गंभीर मलेरिया वाले बच्चों में अक्सर निम्नलिखित लक्षणों में से एक या अधिक लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
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गंभीर एनीमिया,
चयापचय एसिडोसिस (metabolic acidosis) के संबंध में श्वसन संकट (respiratory distres),
या सेरेब्रल मलेरिया (cerebral malaria)।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक गंभीर मलेरिया वाले वयस्कों में अक्सर निम्नलिखित लक्षणों में से एक या अधिक लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
अक्सर multi-organ involvement;
मलेरिया प्रभावित स्थानिक क्षेत्रों में लोगों में आंशिक प्रतिरक्षा विकसित हो सकती है, जिससे असंबद्ध संक्रमण हो सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में, मलेरिया एनोफेलेस मच्छरों के काटने के माध्यम से फैलता है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एनोफेलेस मच्छरों की 400 से अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें से 40 प्रमुख रूप से मलेरिया रोग संवाहक हैं। एनोफेलेस मच्छरों की सभी रोग संवाहक प्रजातियां प्रायः सुबह और शाम के बीच काटती हैं। मलेरिया फैलने की तीव्रता परजीवी, रोक संवाहक, जिस व्यक्ति को मच्चर ने काटा है और पर्यावरण से संबंधित कारकों पर निर्भर करती है।
मलेरिया पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मलेरिया से मरने वालों की संख्या में भी भारत पूरी दुनिया में टॉप 11 में शामिल है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasites) के कारण होता है। परजीवी संक्रमित मादा एनोफेलेस मच्छरों (female Anopheles mosquitoes) जिन्हें "मलेरिया वैक्टर" कहा जाता है, के काटने के माध्यम से लोगों को फैलता है। 5 परजीवी प्रजातियां (parasite species) हैं जो मनुष्यों में मलेरिया का कारण बनती हैं, और इन प्रजातियों में से 2 - पी. फाल्सीपेरम (P. falciparum) और पी. विवाक्स (P. vivax) सबसे बड़ा खतरा पैदा करते हैं।
मलेरिया की रोकथाम और मलेरिया का इलाज संभव है।
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( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)