BHU became the bastion of patriarchy नेल्सन मंडेला ने कहा था कि ‘‘दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली अस्त्र है’’। अगर शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे बड़ा हथियार है, तब, शिक्षा प्रदान करने वाले विश्वविद्यालय ऐसे स्थान होने चाहिए, जहां हम इस परिवर्तन की पदचाप को सुन सकें। परंतु पिछले दिनों प्रतिष्ठित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के …
Read More »Tag Archives: पितृसत्ता
हिंदुत्ववादियों के प्रति न्यायपालिका का बढ़ता रुझान महिला न्याय के लिए चिंताजनक
दीदी जिसे अपनी ताकत मानने लगी हैं वो उनके तख्ता पलट की भारी तैयारी है
देश और समाज निरंतर कबीलाई और हमारा आचरण मध्ययुगीन होता जा रहा है
बेशर्म इतना है सत्ता से नत्थी जनमजात मेधा वर्चस्व कि भाषा और संस्कृति में सिर्फ पितृसत्ता की गूंज और फिर वहीं धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद दृष्टिहीन! ऐसा नहीं है कि असहिष्णुता सिर्फ सवर्णों की होती है। बाबासाहेब जैसे अद्भुत विद्वान राजनेता के अनुयायी भी कम असहिष्णु नहीं पलाश विश्वास हम दीपा कर्मकार की उपलब्धियों पर लिख नहीं रहे हैं। इस बारे में …
Read More »जब तक धर्म है, तब तक स्त्री का उत्पीड़न चलता रहेगा
जब तक धर्म है, तब तक स्त्री का उत्पीड़न चलता रहेगा (As long as there is religion, the oppression of women will continue.) क्योंकि सारे पवित्र ग्रंथों में स्त्री के उत्पीड़न का न्याय है, जिसमें स्त्री के लिए समानता और अधिकार कहीं नहीं है। दुस्समय में पितृसत्ता के विरुद्ध (against patriarchy), मनुस्मृति के खिलाफ स्त्री चेतना बदलाव की आहट है …
Read More »डॉ. रामविलास शर्मा की दृष्टि में निराला के साहित्य में प्रेम और कामुकता
प्रेम और कामुकता व्यक्ति ही नहीं सामाजिक सत्य भी है. आधुनिक पश्चिमी समाजशास्त्रियों की दृष्टि में प्रेम से अलग कामुकता, कामुक-भिन्नता और काम-चेतना आधुनिक परिघटनाएं हैं लेकिन भारतीय सन्दर्भ में इनकी जड़ें काफी पुरानी हैं. भारत में कामुकता का आधार ग्रन्थ (The basis text of sexuality in India) वात्स्यायन द्वारा रचित ‘कामसूत्र’ है. सुश्रुत की ‘चरक संहिता’ में भी इसका …
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