जब सन् 47 में निहत्थे ख़ुदाई खि़दमतगार अपने हिन्दू, सिख भाइयों की जान बचाने सड़कों पर निकले
साम्राज्यवादी अंग्रेज़ों (Imperialist English) को न तो मुसलमानों से कोई मोहब्बत (Love with Muslims) थी, न हिन्दुओं से कोई नफ़रत (No hate to Hindus)। उनको तो बस अपने सियासी और आर्थिक लाभ से मतलब था।…