प्रेम और कामुकता व्यक्ति ही नहीं सामाजिक सत्य भी है. आधुनिक पश्चिमी समाजशास्त्रियों की दृष्टि में प्रेम से अलग कामुकता, कामुक-भिन्नता और काम-चेतना आधुनिक परिघटनाएं हैं लेकिन भारतीय सन्दर्भ में इनकी जड़ें काफी पुरानी हैं. भारत में कामुकता का आधार ग्रन्थ (The basis text of sexuality in India) वात्स्यायन द्वारा रचित ‘कामसूत्र’ है. सुश्रुत की ‘चरक संहिता’ में भी इसका …
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