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सर्दी में जोड़ों के दर्द का रखें खयाल, घरेलू नुस्खे | Take care of joint pain in winter, home remedies
नई दिल्ली, 30 नवंबर। शरीर के मजबूत जोड़ (Body joint) हमें सक्रिय रखते हैं और चलने-फिरने में मदद करते हैं। जोड़ों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने के लिए इस विषय में सटीक जानकारी होना जरूरी है।
जोड़ों की देखभाल और मांसपेशियों तथा हड्डियों को मजबूत रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, स्थिर रहें।
जोड़ों को स्वस्थ रखने के कुछ सुझाव : Some tips to keep joints healthy
- शरीर के वजन को नियंत्रण में रखें।
शरीर का अतिरिक्त वजन हमारे जोड़ों, विशेषकर घुटने के जोड़ों पर दबाव बनाता है।
- व्यायाम से अतिरिक्त वजन को कम करने और वजन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। कम प्रभाव वाले व्यायाम जैसे तैराकी या साइकिल चलाने का अभ्यास करें।
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ऐसे लोग जो अधिक समय तक कंप्यूटर पर बैठे रहते हैं, उनके जोड़ों में दर्द होने की संभावना अधिक रहती है।
जोड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए अपनी स्थिति को लगातार बदलते रहें।
- व्यायाम उपास्थि के पोषण में मदद करता है। यदि व्यायाम को प्रसन्नतापूर्वक किया जाए तो एंडॉर्फिन नामक हॉर्मोन निकलता है, जो स्वस्थ होने का अनुभव देता है।
एक दिन में कम से कम 20 से 40 मिनट तक अवश्य टहलें।
- यदि आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं, तो इससे आपके जोड़ों में विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों और घुटनों में दर्द होगा।
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बैठने का सही तरीका भी आपके कूल्हे और पीठ की मांसपेशियों की रक्षा करने में मदद करता है।
कंधों को झुकाकर खड़े न हों। सीढ़ी चढ़ना दिल के लिए अच्छा है, लेकिन अगर सीढ़ी अप्राकृतिक है, तो यह आपके घुटनों को नुकसान पहुंचा सकती है।
- स्वस्थ आहार जोड़ों के लिए अच्छा है। यह मजबूत हड्डियों और मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है।
हमें हड्डियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है।
- अगर आपको नियमित भोजन से आवश्यक खनिज लेने में समस्या हो रही है, तो सप्लिमेंट ले सकते हैं। वर्तमान में, निर्धारित जरूरत के अनुसार 50 वर्ष की उम्र तक के वयस्क पुरुषों और महिलाओं को नियमित रूप से 1,000 मिलीग्राम कैल्शियम और 50 के बाद नियमित रूप से 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
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71 साल की आयु के बाद 1,200 मिलीग्राम कैल्शियम पुरुष और महिला दोनों ले सकते हैं। इसे आप दूध, दही, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जी, कमल स्टेम, तिल के बीज, अंजीर और सोया या बादाम दूध जैसे पौष्टिक आहार को खाद्य पदार्थ के रूप में शामिल कर कैल्शियम की कमी पूरी कर सकते हैं।
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हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। आप जो भोजन खाते हैं, उसमें विटामिन डी शरीर में कैल्शियम का अवशोषण में मदद करता है। यह हड्डियों के विकास और हड्डी के ढांचे को सक्षम बनाता है।
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विटामिन डी की कमी मांसपेशियों की कमजोरी का कारण भी बनती है, जो उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों के क्षतिग्रस्त होने के लिए जिम्मेदार होती है।
विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की रोशनी है।
डेयरी उत्पाद और कई अनाज, सोया दूध और बादाम के दूध में विटामिन डी प्रचुर मात्रा में होता है।
- जो लोग धूम्रपान करते हैं, उनमें हड्डियों का घनत्व कम होता है और उनके फ्रैक्चर होने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। यह संभवत: कैल्शियम के अवशोषण और हड्डियों के विकास और शक्ति को प्रभावित करने वाले एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन के उत्पादन को कम करने से संबंधित है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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समय-समय पर अपने चिकित्सक से मिलते रहें। रक्त में यूरिक एसिड के स्तर की जांच नियमित रूप से कराते रहें।
जोड़ों के दर्द के घरेलू उपाय – Home Remedies for Joint Pain
जोड़ों के दर्द के लिए दादी-नानी के नुस्खे भी कारगर हो सकते हैं।
यदि जोड़ों के दर्द की शुरुआत ही हुई हो तो अरंडी के तेल की मालिश लाभ पहुंचा सकती है।
सौंठ, मरीच एवं पिप्पली को एक साथ पीस कर 1/2 चम्मच नित्य गुनगुने पानी से प्रयोग जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।
अरंडी की जड़ का 1/2-1 चम्मच चूर्ण लेने से भी गठिया के रोगियों में बहुत लाभ मिलता है।
सौंठ का प्रयोग भी पुराने से पुराने जोड़ों के दर्द में लाभ देता है।
अश्वगंधा, शतावरी व आमलकी का चूर्ण जोड़ों से दर्द के कारण आयी कमजोरी को भी दूर करता है।
यदि जोड़ों का दर्द बहुत पुराना हो तो बालू की पोटली से सेंकना भी सूजन से राहत दिलाता है।
दशमूल का 10-15 एम.एल. काढ़ा भी जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाता है।
जोड़ों के दर्द के साथ यदि सूजन हो तो अरंडी व निर्गुन्डी के पत्तों की सिंकाई दर्द एवं सूजन को कम करती है।
यदि गठियावात (आर्थराईटिस) के दर्द हो तो गुग्गुल का प्रयोग किसी चिकित्सक के परामर्श से करना चाहिए।
हरी पत्तेदार व रेशेदार फल सब्जियां योगी के कब्ज को ठीक कर जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचाती हैं।
जोड़ों का दर्द होने पर मिर्च को तेल में जलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।
सरसों के तेल में अजवायन डालकर अच्छी तरह गरम करें इससे जोड़ों की मालिश करने पर जोड़ों के दर्द में आराम होता है।
जोड़ों के दर्द में करेले की सब्जी का सेवन व जोड़ों पर करेले के पत्तों का रस लगाने से आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द के लिए दो भाग गुनगुने पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी का चूर्ण मिलाकर पेस्ट बना लें और जिस हिस्से मे दर्द हो, वहाँ दो से तीन मिनट तक धीरे-धीरे मलें।
- पानी में अजवायन उबालकर इस अजवायन वाले पानी की भाप घुटनों पर देने से दर्द ठीक होता है।
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अजवायन के पानी में तौलिया भिगोकर और हलका निचोड़कर उसे घुटनों पर रखकर गर्म सेंक देने से भी दर्द में आराम मिलता है।
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गठिया का दर्द हो तो प्याज के रस की मालिश लाभ पहुंचाती है।
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अजवाइन के तेल की मालिश से भी सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
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जोड़ों के दर्द में नींबू के रस को दर्द वाले स्थान पर मलने से दर्द व सूजन समाप्त हो जाएगी।
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गर्म पानी में हल्दी मिला लें और इसे दर्द वाले स्थान पर लगाएं।
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एक भाग लहसन और दो भाग बादाम को पीसकर पेस्ट बना लें और जोड़ पर लगाएं।
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अदरक की चाय ऑस्टियो ऑर्थराइटिस के दर्द में राहत पहुंचाती है।
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रात को सोते समय हल्दी मिला हुआ दूध पीकर सोने से जोड़ों में दर्द नहीं होता।
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जोड़ों पर गर्म और ठंडे पैक लगाने से आराम मिलता है।
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जोड़ों में राहत देने में एलोवेरा का कोई सानी नही है, एलोवेरा खाएँ और उसका पेस्ट भी दर्द वाली जगह पर लगाएं, जल्द आराम मिलेगा।
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नित्य खाली पेट एक टी स्पून मैथी दाने का चूर्ण या मैथी दाना पानी के साथ लेने से कब्ज व घुटने के दर्द में आराम मिलता है।
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जोड़ों में गठिया से दर्द, चोट, मोच व पुरानी सूजन के लिए जायफल और सरसों के तेल के मिलाकर मालिश करने से आराम होता है।
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वात या गठिया के दर्द को दूर करने के लिए दर्द वाले हिस्से पर बर्फ का टुकड़ा दो मिनट तक रखें, फिर हटा दें। दो मिनट बाद फिर उस स्थान पर बर्फ का टुकड़ा रखें। इस प्रकार दोहराकर बर्फ से सिंकाई करना दर्द मे लाभदायक होता है।
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जोड़ों के दर्द में एक गिलास गर्म पानी में नीबू निचोड़कर दिन में 8 से 10 बार पिएं, आराम मिलेगा।
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दर्द में जोड़ों पर नीम के तेल की हल्की मालिश करने से आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द की होम्योपैथी दवा Homeopathy medicine of joint pain
होम्योपैथी में symphytum 200, Silicea 200,एसिड फ्लोर (Acid Floor) 30, दवाएं भी जोड़ों के दर्द में लाभप्रद होती हैं। किसी कुशल चिकित्सक के परामर्श से लें।
नोट – यह सब एक सूचना मात्र हैं। स्वयं डॉक्टर न बनें। किसी चिकित्सक को दिखाकर ही उसके परामर्श अनुसार नुस्खे आजमाएं।