हिंदी विश्वविद्यालय में गांधी जयंती पर विभिन्न आयोजन… गांधी हिल्स पर गांधी जी को किया अभिवादन
वर्धा, 3 अक्टूबर 2019: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (150th Birth Anniversary of Father of the Nation Mahatma Gandhi) के उपलक्ष्य में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय (Mahatma Gandhi International Hindi University) में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर गांधी जी को अभिवादन किया गया। गांधी जयंती के कार्यक्रमों का प्रारंभ गांधी हिल्स से किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल और कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि (Wreaths and floral tributes on the statue of Mahatma Gandhi) अर्पित कर गांधी जी को अभिवादन किया। साथ ही विश्वविद्यालय के अध्यापक एवं अधिकारियों ने भी पुष्पार्पण कर अभिवादन किया।
गांधी जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भवन के कस्तूरबा सभागार में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी उपस्थित थे। इस अवसर पर महात्मा गांधी फ्यूजी गुरुजी सामाजिक कार्य अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. मनोज कुमार, कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान, संस्कृति विद्यापीठ के अधिष्ठाता तथा कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी मंचासीन थे। कार्यक्रम में कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक के 150 से अधिक विद्यार्थी एवं अध्यापक शामिल हुए।
दीप प्रज्ज्वलन एवं गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। संस्कृत विश्वविद्यालय की छात्राएं अमृता बरबडीकर और भक्ति पुरंदरे ने रघुपति राघव राजाराम गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कुलपति सहित अधिष्ठाता एवं अध्यापकों ने चरखा चलाया।
अध्यक्षीय वक्तव्य में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने महात्मा गांधी के जीवन एवं कार्यों पर बात करते हुए कहा कि गांधी पहले उत्तर आधुनिक व्यक्ति है जो अंग्रेजीयत और औपनिवेशिक मानसिकता के खिलाफ संघर्ष किया। इसे वह आसुरी सभ्यता कहा करते थे। वर्धा और गांधी जी के संबंधो का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गांधीजी ने वर्धा में रहते सृजन और रचना के कार्य किए।
हिंदी और संस्कृत विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी की दृष्टि को व्यापकता प्रदान करना दोनों विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी है और दोनों विश्वविद्यालयों को भाषा के क्षेत्र में औपनिवेशिक दासता पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मशीनीकरण से मनुष्य निर्माण की प्रक्रिया में करुणा की दृष्टि के साथ अहिंसा के रास्तों पर चलना ही गांधी के प्रति अभिवादन होगा।
मुख्य अतिथि प्रो. श्रीनिवास वरखेडी ने कहा कि हमारे सामने गांधी केवल इतिहास भर नहीं है अपितु हमें गांधी को भविष्य में भी देखना चाहिए। उनकी ग्राम राज्य, स्वावलंबी राष्ट्र और राम राज्य की संकल्पना को साकार करने की दिशा में प्रयासरत होना चाहिए। गांधी जी की जीवन पद्धति और विचारों को अपनाकर हम संकल्पों को पूरा कर सकते हैं।
भाषा विद्यापीठ के अधिष्ठता प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल ने कहा कि गांधी जी की समावेशी दृष्टि रखते थे, वे जितने उदार थे उतने ही सख्त भी थे।
प्रो. मनोज कुमार ने कहा कि गांधी के विचारों को प्रसारित करने के लिए मानसिक गुलामी से मुक्त और अहिंसा मूल्य को रोपित करने वाले करने वाली शिक्षा युवाओं को प्रदान करनी चाहिए।
कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य कार्यक्रम के संयोजक प्रो. नृपेंद्र प्रसाद मोदी ने दिया। उन्होंने कहा कि गांधी जयंती के उपलक्ष्य में कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की पहल से विश्वविद्यालय परिसर और वर्धा शहर में आरोग्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, यह एक अनूठी पहल है। उन्होंने गांधी जी की अहिंसा दृष्टि पर भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित कालिदास समग्र साहित्य के मराठी अनुवाद ग्रंथ का लोकार्पण कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की ओर से किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर ऋषभ कुमार मिश्र ने किया तथा आभार ज्ञापन कुलसचिव कादर नवाज़ ख़ान ने प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, केंद्र निदेशक, अध्यापक, अधिकारी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम के बाद रामटेक से आए विद्यार्थियों ने स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय और गांधी हिल्स का भ्रमण किया।
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