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जैविक चिकित्सा क्या है?
What is biological therapy?
जैविक थेरेपी biological therapy in Hindi - एक प्रकार का उपचार है, जो बीमारी के इलाज के लिए जीवित जीवों से बने पदार्थों का उपयोग करता है। ये पदार्थ शरीर में स्वाभाविक रूप से हो सकते हैं या प्रयोगशाला में किए जा सकते हैं। कुछ जैविक उपचार शरीर को कैंसर, संक्रमण, और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित या दबाते हैं।
यूएस सरकार के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की वेब साइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक जैविक चिकित्सा- बायोलॉजिकल थेरेपी (biological therapy) में इलाज के लिए जीवित जीवों, जीवित जीवों से व्युत्पन्न पदार्थ, या बीमारी के इलाज के लिए ऐसे पदार्थों के प्रयोगशाला-निर्मित संस्करणों का उपयोग शामिल है।
इम्यूनोथेरेपी Immunotherapy और बायोलॉजिकल थेरेपी
नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की वेब साइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक कैंसर के लिए कुछ जैविक उपचार में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन प्रकार के जैविक थेरेपी, जिन्हें कभी-कभी सामूहिक रूप से "इम्यूनोथेरेपी" कहा जाता है, कैंसर कोशिकाओं को सीधे लक्षित नहीं करते हैं। एंटीबॉडी जैसे अन्य जैविक उपचार, सीधे कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करते हैं। जैविक उपचार जो ट्यूमर वृद्धि और प्रगति में शामिल विशिष्ट अणुओं में हस्तक्षेप करते हैं उन्हें लक्षित उपचार के रूप में भी जाना जाता है।
कैंसर के इलाज के लिए किस तरह के जैविक चिकित्सा का उपयोग किया जाता है?
What types of biological therapy are used to treat cancer? The use of biological therapy in rheumatology
कैंसर उपचार के लिए कई प्रकार के जैविक उपचार, विशेष रूप से इम्यूनोथेरेपी का उपयोग किया जा रहा है। ये उपचार विभिन्न तरीकों से कैंसर से लड़ते हैं।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में इम्यूनोलॉजी, biological therapy, बैक्टीरियोलॉजी (Bacteriology), क्लिनिकल पैथोलॉजी (Clinical Pathology), हेमेटोलॉजी इनवेस्टिगेशंस (HAEMATOLOGY INVESTIGATIONS) व क्लिनिकल हेमेटोलॉजी (CLINICAL HAEMATOLOGY) अन्य टेस्ट्स की जानकारी एम्स दिल्ली की वेब साइट पर ल ज सकती है।
Cost Effective Use of Biological Therapy in Indian Scenario
कैलाश अस्पताल व मैक्स अस्पताल नोएडा के परामर्शदाता संधिविज्ञानी Consultant Rheumatologist और एम्स, दिल्ली, भारत के पूर्व वरिष्ठ रेजीडेंट संधिविज्ञान (Ex. Senior Resident Rheumatology, AIIMS, Delhi, India) के डॉ. आरके जगदीश - Dr. Jagdish RK, के ऑस्टिन जर्नल ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रूमेटोलॉजी पर प्रकाशित लेख में कहते हैं कि biological therapy का संधिशोथ और अन्य प्रथाओं में प्रयोग हाल के वर्षों में बढ़ रहा है, जो कई कारकों के लिए जिम्मेदार है। पहली बार रोगियों के बीच और चिकित्सा साहित्य में डॉक्टरों के बीच उनके उपयोग के बारे में जागरूकता में वृद्धि हुई। दूसरा है बायोसिमिलर्स की पहचान के बाद अपेक्षाकृत कम लागत पर इन एजेंटों की उपलब्धता।
लेख में कहा गया है कि वर्तमान में क्लिनिकल पैथोलॉजी चिकित्सा की अवधि और इसका प्रयोग कब रोकना है, को लेकर कोई निश्चित सहमति नहीं है। विशेष रूप से भारत जैसे कम आय वाले देशों में उनकी प्रभावी लागत को और उचित बनाया जा सकता है।
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( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह समाचारों में उपलब्ध सामग्री के अध्ययन के आधार पर जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)
Topics -
इम्यूनोथेरेपी, बायोलॉजिकल थेरेपी, AIIMS DElhi, Bacteriology, Clinical Pathology, HAEMATOLOGY INVESTIGATIONS, CLINICAL HAEMATOLOGY, Biological Therapy in Hindi, Immunotherapy in Hindi,