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चेक क्या है (What is cheque)- चेक बैंक द्वारा अकाउंट होल्डर को दिया जाने वाला वह भुगतान का साधन (Payment instrument) है जिससे ग्राहक किसी अगले व्यक्ति को अपने अकाउंट से डायरेक्ट कैश न देकर भुगतान कर सकता है। चेक में आप किसे पैसे दे रहे हैं, उनका नाम लिखना होता है, वह किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है या किसी फर्म का। चेक में आपको यह भी भरना होता है कि आप कितने पैसे उस व्यक्ति को दे रहे हैं (शब्द और संख्या में), कब दे रहे हैं और अंत में आपको सिग्नेचर करना पड़ता है। आपका चेक लेकर व्यक्ति अपने अकाउंट में डाल देता है और आपने जितना अमाउंट उसे दिया था वो उसके अकाउंट में ट्रान्सफर हो जाता है।
संक्षेप
में कह सकते हैं कि चेक बिना कैश का भुगतान है, जैसे
इलेक्ट्रॉनिक ट्रान्सफर (Electronic transfer)।
स्थान
के आधार पर चेकों का वर्गीकरण
1. स्थानीय चेक (Local
cheque) -
यदि एक शहर का चेक उसी शहर में ही क्लियर हो तो इसे स्थानीय चेक कहते हैं।
जैसे आपको यदि मैंने आपके नाम पर चेक दिया, तो
आपको उस चेक को लेकर शहर के ही सम्बंधित ब्रांच में जाना पड़ेगा, आप शहर से बाहर ले कर उसे क्लियर करवाओगे तो
आपको अलग से पैसे लगेंगे।
2. आउटस्टेशन चेक (Outstation
cheque) - यदि स्थानीय चेक को शहर से बाहर ले
जाकर क्लियर कराया जाए तो वह चेक आउटस्टेशन चेक कहलायेगा जिसके लिए बैंक फिक्स्ड
चार्जेज लेती है।
3. एट पार चेक (at par
cheque)
- यह ऐसा चेक है जो पूरे देश में संबंधित
बैंक के सभी ब्रांचों में स्वीकार्य है। और ख़ास बात यह है कि बाहर के ब्रांचों में
इसे क्लियर करने के दौरान अतिरिक्त प्रभार नहीं लगता।
मूल्य
के आधार पर चेकों का वर्गीकरण : Classification of cheque based on
value
-
1. साधारण मूल्य वाले चेक (Normal
value cheque)
1 लाख से कम मूल्य वाले चेक नॉर्मल
वैल्यू चेक कहलाते हैं।
2. ऊँचे मूल्य वाले चेक (High
value cheque)
1 लाख से ऊपर वाले चेक हाई वैल्यू
चेक कहलाते हैं।
3. उपहार चेक (gift
cheque)
अपने
प्रिय जनों को उपहारस्वरूप दिए जाने वाले चेक गिफ्ट चेक कहलाते हैं। उपहार चेकों
की राशि 100 रु. से लेकर 10,000 रु. तक हो सकती है।
चेक मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-
1. खुला चेक (अरेखित चेक - open
cheque) -
खुला
चेक वह चेक होता है जिसे बैंक में प्रस्तुत कर काउंटर पर ही नकद प्राप्त किया जा
सकता है। क्लियरेंस के लिए आपको इंतज़ार करने की जरुरत नहीं है। गिव एंड टेक। ओपन
चेक को धारण करने वाला व्यक्ति काउंटर में जा कर, चेक दिखाकर पैसे ले सकता है और या तो अपने अकाउंट में पैसे को
ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को
प्राधिकृत कर सकता है।
2. धारक चेक (बियरर चेक) Bearer
cheque
बेयरर
चेक वह चेक है जो खाताधारी का कोई भी
प्रतिनिधि बैंक में जाकर भुना सकता है। प्रतिनिधि को चेक देते समय चेक के पीछे
हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती एवं मात्र चेक दे देने से निकासी हो जाती
है। ये चेक जोखिम भरा भी हो सकता है क्योंकि अगर यह चेक अगर भुला गया तो कोई भी
बैंक जा कर इसे भुना सकता है।
3. क्रॉस्ड चेक (रेखित चेक, cross
cheque, Crossed cheque)
क्रॉस्ड
चेक किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम से लिखा जाता है और ऊपर बायीं ओर दो
समानांतर लाइनें खींच दी जाती हैं जिनके
बीच “COД or “Account
Payee” or “Not Negotiable” लिखा या नहीं भी लिखा जा सकता है। इस चेक से नकद निकासी नहीं होती और
सम्बंधित राशि केवल नामित व्यक्ति/संस्था के खाते में हो सकती है।
4. आदेश चेक -
इस
चेक में order शब्द को काट दिया जाता है । इसमें खुले
चेक की तरह चेक से अपने अकाउंट में पैसे को ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे
हस्ताक्षर कर के किसी अन्य व्यक्ति को प्राधिकृत कर सकता है।
गारंटी
भुगतान के आधार पर चेक का वर्गीकरण : Classification
of cheques based on guaranteed payment -
1. सेल्फ चेक (Self cheque) -
सेल्फ चेक वह होता है जिसे खाताधारी बैंक में प्रत्यक्ष भुगतान के लिए
स्वयं प्रस्तुत करता है। इसमें भुगतान पाने वाले के नाम की जगह पर Self लिखा जाता है।
2. आगे की तारीख वाला चेक - Post
dated check पीडीसी
आगे
की तिथि में भुगतान वाला चेक एक ऐसा क्रॉस किया हुआ बेयरर चेक होता जिसमें आगे की
तिथि अंकित की जाती है। इसका अर्थ यह हुआ है कि इस चेक का भुगतान अंकित तिथि या
उसके बाद हो सकता है।
3. पीछे की तारीख वाला चेक - एडीसी
इस
चेक में बैंक में प्रस्तुत करने के पहले की तिथि होती है। यह चेक अंतिम तिथि से
तीन महीना के पूरा होने के तक भुनाया जा सकता है।
4. काल बाधित चेक - हर चेक को उसमें अंकित तिथि के तीन महीने के अन्दर-अन्दर भुनाने का नियम है। यदि यह तिथि पार हो जाती है काल बाधित चेक कहलाता है जो बैंक के द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है।
(स्रोत – देशबन्धु )
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न - बैंक चेक के बारे में जानकारी, पोस्ट डेटेड चेक क्या है, बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं, वाहक चेक किसे कहते है, चेक के रेखांकन से आप क्या समझते हैं, पोस्ट डेटेड चेक इन हिंदी, चेक के लाभ, बेयरर चेक की परिभाषा.