सरदार सरोवार बांध की सोच भले ही सरदार वल्लभ भाई पटेल की थी, लेकिन उनकी इस सोच को सच्चाई में बदलने का दम तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिखाया था। जवाहर लाल नेहरू ने ही तमाम विरोधों के बावजूद 56 साल पहले बांध बनाने की तरफ कदम बढ़ाया और 5 अप्रैल 1961 में सरोवर की आधारशिला रखी, उनके इस योगदान कोई नहीं भुला सकता, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जब सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित किया तो उन्होंने सरदार पटेल से लेकर महात्मा गांधी और बाबा साहब अंबेडकर तक सभी को न सिर्फ याद किया बल्कि सराहना भी की। लेकिन जिन्होंने बांध की बुनियाद रखी उनका ज़िक्र तक नहीं किया।
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अपने संबोधन के दौरान सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 71 साल पर जब देश आजाद नहीं था, तब सरदार पटेल ने बांध का सपना देखा था, यह उनकी दूरदृष्टि की पहचान है, अगर सरदार पटेल और बाबा साहब अंबेडकर जीवत रहे होते तो 60-70 के दशक में ही इस बांध से पश्चिम के राज्यों को इस बांध का लाभ मिला होता. उन्होंने कहा कि देश में जलक्रांति लाने का श्रेय बाबा साहब को जाता है।
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इस दौरान उन्होंने गांधी जी का भी नाम लिया लेकिन नेहरू जी को भूल गए।