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प्याज : सब्जी भी है और मसाला भी और एक सस्ता टॉनिक भी
Onion is a cheap tonic
हम सब जानते हैं कि प्याज सब्जी भी है और मसाला भी। इसके बिना खाने का मजा ही किरकिरा हो जाता है। अधिकांश भारतीय व्यंजनों में इसका होना अतिआवश्यक है। कोई सब्जी न मिलने पर अनेकों लोग नमक और प्याज के साथ ही भरपेट रोटी, चावल खा लेते हैं। संभ्रांत तथा आज के मॉडर्न लोगों का खाना, फास्टफूड, डोसा, सलाद वगैरह में भी इसकी जरूरत पड़ती है। है ना यह भी प्रकृति की अनमोल देन।
रोचक कहानी प्याज की | Interesting story of onion
इसकी कहानी भी रोचक है। इसका मूल स्थान एशिया है और यहां से ही इसे मिस्र ले जाया गया। वहां के राजाओं को यह इतना भाया कि वे इसे भगवान का भेजा प्रसाद मानकर इसे पूजने लगे। अनेक गुणों के कारण वहां यह लोकप्रिय हो गया और बड़े पैमाने पर इसकी खेती होने लगी। वहां से ही धीरे-धीरे यह दूसरे देशों में गया। मिश्र के पिरामिडों और कब्रों में शव के साथ काफी मात्रा में प्याज भी गाड़ दिये जाते थे। लोगों का मानना है कि पिरामिडों में सदियों से सुरक्षित रखे गये राजा -रानियों के शवों में जो औषधीयलेप लगाये गये थे उसमें भी प्याज डाले गये थे। ग्रीस और रोम में खिलाड़ियों काफी मात्रा में प्याज खिलाया जाता था जिससे प्रतियोगिता के समय वे स्वस्थ और चुस्त-दुरस्त रह सकें।
अनुसन्धानों के अनुसार इसमें काफी मात्रा में कार्बोहाइड्रेड, रफेज-फाइबर, प्रोटीन विटामिन (कई प्रकार के ए. बी. सी. ई. और के.) तथा कैल्शियम, लोहा, मैगनीज, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम जिन्क आदि होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। यह अनेक रोगों में उपयोगी और पौष्टिक भी है। यह कृमिनाशक है। सर्दी, जुकाम, खांसी, सूजन, कोलेस्ट्राल की गड़बड़ी, कैंसर, हड्डियों की कमजोरी, गले की खराश, कान तथा आंखों की बीमारियों में लाभदायक है।
क्या आप जानते हैं - प्याज काटते समय हम क्यों रोते हैं ...| Do you know - why we cry while cutting onions ... | प्याज में कौन सा केमिकल होता है | प्याज काटने पर आंसू क्यों आता है
जब प्याज काटा जाता है तो एलिनासेस नामक द्रव निकलकर सल्फ्यूरिक एसिड में परिवर्तित होकर हवा में मिल जाता है जो आंखों में जाते ही जलन पैदा कर देती है। आंखों में जलन (Eye irritation) होते ही पानी से आंखों को धो लेना चाहिए।
कैसे काटें प्याज बगैर आँसू बहाए ...
इस कष्ट को कम करने का उपाय यह है कि प्याज को काटने से पहले पानी में डालकर रखें और जड़ को अंत में काटें क्योंकि जड़ में ही अत्यंत मात्रा में द्रव होते हैं।
हाल ही में न्यूजीलैण्ड में ऐसे प्याज उगाये गये जो काटते समय आंखों में न जलन होती है और न ही पानी निकलता
है। प्याज को कच्चा खाने पर मुंह से तेज गंध आती है। इस गंध को कम करने के लिए प्याज खाने के बाद धनिया का दाना चबाना चाहिए।
प्याज रोज एक खाने से स्वास्थ्य ठीक रहेगा और अनेक बीमारियों से बचाव भी होगा। यह अतिपौष्टिक आहार है और सस्ता भी। गरीबों का टॉनिक है।
आयुर्वेद के अनुसार अलग-अलग तरीकों से इसका व्यवहार करने से अनेक रोगों में लाभदायक है। यह गर्म, उत्तेजक और पुष्टिकर है। कामोत्तेजना बढ़ाने वाला, पेट की वायु निकालता है। कब्ज, जी मिचलाना, सर्दी-जुकाम, पेट की बीमारियों और हैजे में बहुत लाभदायक है। घी में भूनकर रोज खाना शक्तिवर्धक है। सफेद प्याज में औषधीय गुण अधिक है। होमियोपैथिक दवा एलियम सेपा इसी से बनती है।
प्याज को लेकर कुछ मान्यताएं | Some assumptions about onion
गर्मी के दिनों में इसे कच्चा खाकर और साथ में एक प्याज लेकर तेज धूप में अधिक देर रहने पर भी लू नहीं लगती। सफेद प्याज घर में रखने से सांप नहीं आता। स्थान या जलवायु परिवर्तन (Climate change) से हुए कुप्रभाव को दूर करता है। पागल कुत्ते के काटने, बिच्छु के डंक मारने, कीड़े-मकोड़ों के काटने से हुए कष्ट, जलन वगैरह को कम करता है। बच्चों को रोज गुड़ के साथ कच्चा प्याज खिलाने से लम्बाई बढ़ती है। हिस्टीरिया के दौरे पड़ने पर और किसी के बेहोश हो जाने पर प्याज सुंघाया जाये तो शीघ्र होश आ जाता है। कष्टकर मासिक स्राव के समय रोज कच्चा प्याज खाने से कष्ट कम होता है।
डॉ. सुरेन्द्र प्रसाद