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राहुल गांधी
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होने पर जस्टिस काटजू की प्रतिक्रिया
आजकल भारतीय मीडिया में रात दिन एक ही रट लगी है : राहुल गाँधी की 2 साल की सज़ा, जिसके कारण वह अपनी संसद सदस्यता खो सकते हैं, और 6 वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित हो सकते हैंI
यह सब ऐसे प्रकाशित किया जा रहा है जैसे यह एक महान ऐतिहासिक घटना हैI मेरे अनुसार यह हमारी मीडिया कि दरिद्र और घटिया अवस्था दर्शाता हैI
हर राजनैतिक गतिविधि और हर राजनैतिक व्यवस्था का एक ही परख और मापदंड होता है : क्या इससे आम जनता का जीवन स्तर में उन्नति होती है ? क्या इससे जनता को बेहतर ज़िन्दगी मिलती है ?
इस दृष्टिकोण से राहुल गाँधी का जेल जाना या न जाना, संसद सदस्य रहना या न रहना, सब बेमतलब हैI इस सब से आम आदमी के जीवन में क्या फ़र्क़ पड़ेगा ? ग़रीबी, भुखमरी, महंगाई, बेरोज़गारी, आदि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? कुछ भी नहींI
फिर क्यों राहुल गाँधी पर इतना हो हल्ला हो रहा है ?
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
लेखक सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश हैं।
(Justice Katju said on the termination of Rahul Gandhi's Lok Sabha membership - why is there so much hue and cry?)