मंत्रिमंडल में फेर बदल
हाल के केंद्र सरकार में फेर बदल के बारे में मीडिया में बड़ी चर्चा हुई है। कई लोगों ने इसकी बड़ी प्रशंसा की है। पर वास्तविकता क्या है ?
हर राजनैतिक कार्यवाही या प्रणाली का एक और केवल एक ही परख और कसौटी होता है। क्या इससे आम आदमी का जीवन स्तर बढ़ता है ? क्या लोगों को बेहतर ज़िन्दगी मिलती है ? इस दृष्टिकोण से हाल का केंद्र सरकार में फेर बदल से यह स्पष्ट है कि यह आम जनता के जीवन में कोई अंतर नहीं लाएगा।
क्या मंत्रिमंडल में चेहरे बदलने से देश भर में व्यापक ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई, बाल कुपोषण, स्वास्थ सेवा और अच्छी शिक्षा का अभाव, किसानों का संकट, भ्रष्टाचार, दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, आदि दूर हो जाएंगे ? बिलकुल नहीं। इसलिए यह सिर्फ एक नौटंकी है।
भारत की भीषण आर्थिक और सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए भारतीय जनता को आधुनिक मानसिकता के नेताओं के नेतृत्व में एक महान ऐतिहासिक जनसंघर्ष और जनक्रांति करनी होगी जो जाति और मज़हब के बाधाओं को तोड़कर ही संभव है। इसमें समय लगेगा और बड़ी कुर्बानिया देनी होंगी। परन्तु हर सच्चे देशभक्त को इसके लिए प्रयत्न करना चाहिए।
जस्टिस मार्कंडेय काटजू
(लेखक सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश व प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं।)