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Osteoporosis means calcium deficiency in the body
A decrease in estrogen levels after menopause causes osteoporosis in women.
महिलाओं में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं (Bone related problems in women) का होना आम बात है, खासकर मेनोपॉज के बाद। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेनोपॉज (Menopause) के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा (Estrogen hormone content in women) कम हो जाती है और शरीर में इस हार्मोन का निर्माण ओवरी के द्वारा ही होता है। यह हार्मोन हड्डियों के क्षरण को रोकने में मददगार होती है। लेकिन मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में कमी होने से महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या पैदा हो जाती है।
What happens when there is a deficiency of 'estrogen hormone'
एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी होने पर कैल्शियम पचाने की क्षमता भी कम हो जाती है। कैल्शियम की ज्यादा मात्रा लेने से भी इस स्टेज में आकर कोई फायदा नहीं होता है। इसके अलावा जिन महिलाओं व युवतियों में पीरियड को लेकर समस्यायें रहती हैं जैसे कि पीरियड का न आना या मिस होना, उनमें भी ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या पाई जाती है। बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि महिलाओं को कैल्शियम की कमी के कारण गर्भपात और बांझपन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस का सीधा मतलब है शरीर में कैल्शियम की कमी। इसीलिए जरूरी है कि शरीर में कैल्शियम की कमी न होने पाए। बचपन से लेकर तीस साल की उम्र तक कैल्शियम की प्र्याप्त मात्रा बहुत जरूरी है। क्योंकि यह वह उम्र होती है जब हम अपनी हड्डियों को मजबूत कर सकें। हड्डियों को मजबूत बनाने में कैल्शियम और फास्फोरस की बहुत अहम भूमिका होती है। इस उम्र में हड्डियों में जितना कैल्शियम और फास्फोरस होगा, हड्डियां उतनी मजबूत होंगी और आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी उतना ही कम होगा।
Bone related disease after menopause : Ways to prevent osteoporosis
मेनोपॉज के बाद हड्डियों से संबंधित बीमारी खासकर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या न हो इसके लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा।
व्यायाम करने से हड्डियों व मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। हालांकि बहुत से पतले लोग खासकर महिलाएं सोचती हैं कि उन्हें व्यायाम की क्या आवश्यकता है? किंतु व्यायाम सबके लिए जरूरी होता है। सप्ताह में दो-चार बार वजन उठाने वाले व्यायामों को करने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और हड्डियां भी स्वस्थ रहती हैं। पैदल चलना, जागिंग करना, डांस करना, जिम जाना, सीढिय़ां चढना, योगा या हल्के फुल्के व्यायाम करके भी हम हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं।
कैल्शियम युक्तभोजन का सेवन :-
समस्त जीवन में कैल्शियम युक्तखाद्य पदार्थों का सेवन करने से भी हड्डियां मजबूत बनती हैं। वयस्क लोगों को दूध, मछली, हरी सब्जियों, दही, सोयाबीन, टोफू आदि का सेवन करना चाहिए। बच्चे हों या बूढ़े सभी को रोजाना दूध तो अवश्य ही पीना चाहिए।
मालिश :-
जब भी बच्चे पैदा होते हैं तो उनके पैर हाथों व शरीर की मालिश की जाती है। यह प्राय: देखा गया है कि बच्चों के पैर हाथों की जितनी अधिक व अच्छी मालिश की जाती है, उनकी हड्डियां उतनी ही बेहतर होती हैं। इसलिए बच्चों की मालिश अवश्य करें।
विटामिन डी-
दरअसल, शरीर में कैल्शियम को खपाने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है। रोजाना धूप में बीस मिनट रहने से शरीर को आवश्यकता के अनुसार विटामिन डी मिल जाता है। साल्मोन जैसी मछली, अण्डे व कुछ प्रकार के अनाजों से भी विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है।
51-70 वर्ष के लोगों को रोजाना 400-800 आई यू तक विटामिन डी का सेवन करने की सलाह दी जाती है लेकिन 2000 आई यू अधिक विटामिन डी गुर्दों के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
कुछ दवाइयों का सेवन करने से बचना चाहिए-
स्टेरॉयड व रक्त को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन (Steroids and blood thinners) करने से बचना चाहिए। यदि इन दवाइयों का सेवन करना भी पड़े तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए और निर्धारित खुराक से अधिक नहीं लेना चाहिए।
कुछ अन्य उपाय :-
शराब का सेवन न करें। धूम्रपान भी सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। धूम्रपान करने से ऐस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है और शराब का सेवन हड्डियों को भी नुकसान पहुंचाता है।
डा. संजय अग्रवाला
हेड, आर्थोपेडिक्स
पी.डी.हिंदुजा नेशनल अस्पताल
( नोट - यह समाचार किसी भी हालत में चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। यह जागरूकता के उद्देश्य से तैयार की गई अव्यावसायिक रिपोर्ट मात्र है। आप इस समाचार के आधार पर कोई निर्णय कतई नहीं ले सकते। स्वयं डॉक्टर न बनें किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लें।)