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ऑक्सीटोसिन : दूसरे के हित में जीना सिखाता है ये हार्मोन

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hastakshep
29 Jan 2022
ऑक्सीटोसिन : दूसरे के हित में जीना सिखाता है ये हार्मोन

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Oxytocin teaches to live in the interest of others

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मानवीय संबंधों को गढ़ने में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की क्या भूमिका है? What role does oxytocin play in social connection?

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What is the role of the hormone oxytocin in shaping human relationships?

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वेदना और भावना में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की भूमिका (The role of the hormone oxytocin in pain and emotion) अहम होती है। मानवीय संबंधों को गढ़ने में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की केंद्रीय भूमिका के बारे में पहले से ही पता था, लेकिन विगत वर्षों में नीदरलैंड में हुए एक शोध के अनुसार लोगों में स्वार्थहीन व्यवहार के लिए भी यही हार्मोन जिम्मेदार है।

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ऑक्सीटोसिन क्या है in Hindi? What is Oxytocin in Hindi? | ऑक्सीटोसिन को लव हार्मोन क्यों कहा जाता है?

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अक्सर आलिंगन या प्रेम का हार्मोन (hug or love hormone) कहे जाने वाले ऑक्सीटोसिन को मां प्रसव के दौरान बच्चे को देती है। गर्भ के दौरान और बच्चे को दूध पिलाने के दौरान यह हार्मोन बड़े पैमाने पर तैयार होता है और मां के साथ बच्चे की निकटता बढ़ाता है। प्यार, शारीरिक संपर्क या आलिंगन के दौरान भी यह हार्मोन सामान्य से अधिक मात्रा में पैदा होता है।

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पुराने अध्ययनों में वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि ये हार्मोन लेने से पराये लोगों में भरोसा पैदा होता है।

पिछले दिनों एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों (Psychologists from the University of Amsterdam) ने पाया है कि यह हार्मोन दूसरे के हित के लिए जीने वाला भी बनाता है।

अध्ययन के दौरान 50 व्यक्तियों को तीन दलों में बांटा गया। खेल के दौरान उन्हें ऐसे फैसले लेने थे जिनका वित्तीय असर खुद उन पर, उनके दल पर या प्रतिस्पर्धी दल पर पड़ता। खेल शुरू करने से पहले कुछ भागीदारों की नाक में ऑक्सीटोसिन हार्मोन स्प्रे किया गया।

अध्ययन करने वाले मनोवैज्ञानिकों ने साइंस पत्रिका में एक रिपोर्ट (A report in the journal Science) में कहा था कि ऑक्सीटोसिन के प्रभाव वाले लोगों का व्यवहार (Behavior of people under the influence of oxytocin) दल के अंदर अधिक सहयोगात्मक और नि:स्वार्थी था।

क्या ऑक्सीटोसिन बच्चों को शांत करता है?

देशबन्धु में प्रकाशित एक पुरानी खबर के मुताबिक कुछ दिनों पहले अध्ययन में पता चला था कि परेशान बच्चों को शांत करने के लिए मां का एक टेलिफोन भी काफी है। शांत करने वाला हार्मोन (calming hormone) भी ऑक्सीटोसिन ही है। इस अध्ययन के लिए 7 से 12 साल के 61 बच्चों को तीन दलों में बांटा गया और उनसे अजनबी लोगों के सामने कुछ करने को कहा गया। एक दल के बच्चों में मांओं ने उपस्थित होकर ढांढस बंधाया, दूसरे दल को मांओं ने टेलिफोन पर दिलासा दिलाया और तीसरे दल का मां के साथ कोई संपर्क नहीं हुआ।

शोधकर्ताओं ने पाया कि जब बच्चों को मां से मिलने या बात करने का मौका मिला, उन्होंने समान मात्रा में ऑक्सीटोसिन हार्मोन पैदा किया।

शोधकर्ता के एक दल ने यह भी पाया है कि पुरुषों को कम मात्रा में भी ऑक्सीटोसिन देने से वह महिलाओं की तरह संवेदनशील हो सकते है। ऑक्सीटोसिन पुरुषों को भावनात्मक रूप से दूसरे लोगों के मन को समझने की क्षमता देता है।

इस अध्ययन में पाया गया कि ऑक्सीटोसिन दल का भावनात्मक स्तर काफी ऊंचा था, एक स्तर जो आमतौर पर महिलाओं का होता है।

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