/hastakshep-prod/media/post_banners/WXEXFD0vGJQf5FW7iHpM.jpg)
/filters:quality(1)/hastakshep-prod/media/post_banners/WXEXFD0vGJQf5FW7iHpM.jpg)
मौहम्मद ख़ुर्शीद अकरम सोज़ की कोरोना पर कविताएं
हम कोरोना से जंग जीतेंगे
"""""""""""""""""""""""
हाँ यह वायरस बड़ा ही ज़ालिम है
नाम जिसका ग़ज़ब "कोरोना" है
सारी दुनिया परेशान है इस से
सारी दुनिया में ख़ौफ़ छाया है
इस कोरोना को मात देने को
लॉकडाउन में घर में रहना है
जब ज़रूरी किसी से मिलना हो
फ़ासला दरमियाँ में रखना है
मास्क भी तो बहुत ज़रूरी है
हाथ साबुन से धोते रहना है
हम कोरोना से जंग जीतेंगे
इस से मिल कर सभों को लड़ना है
?????????
कविता (2)
वह एक वायरस !
-----------------------------------------
जब ज़मीं पर,
ख़ुदाओं की तादाद बढ़ने लगी !
हर कोई अपनी ताक़त के नश्शे में
चूर होने लगा !
बेकसों को सताने लगे शक्तिवान
ज़ुल्म की इंतेहा जब यह करने लगे
ख़ौफ़-ओ-दहशत के साये में जब
निर्बलों को खङा कर दिया !
फिर .......!!!
/hastakshep-prod/media/post_attachments/PFgIZdOdS7IpSNzRAFDI.jpg)
तख़ल्लुस : सोज़ / सोज़ मुशीरी
वल्दियत :- मौलाना अब्दुस्समद ( मरहूम )
जन्म तिथि :- 01/03/1965
जन्म स्थान : - बिहार शरीफ़, ज़िला :- नालंदा (बिहार)
शिक्षा :- 1) बी.ए.
2) डिप. इन माइनिंग इंजीनियरिंग
उस्ताद-ए-सुख़न :-( स्व) हज़रत मुशीर झिन्झानवी देहलवी
काव्य संकलन : - सोज़-ए-दिल
सम्मान :- 1. आदर्श कवि सम्मान, और
साहित्य श्री सम्मान
संप्रति :- कोल इंडिया की वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में कार्यरत
संपर्क :- बी-22, कैलाश नगर,
पोस्ट :- साखरा(कोलगाँव), तहसील :- वणी
ज़िला :- यवतमाल , पिन:- 445307 (महाराष्ट्र)
एक वायरस अचानक किसी जिस्म में,
छुप के दाख़िल हुआ,
धीरे-धीरे यह वायरस फिर इस जिस्म से,
फैला संसार में !
पूरे संसार में !!
एक चैलेंज बनकर उठा !
यह महाशक्तियों के लिए,
हाँ बड़ी ताक़तों के लिए !!!
ताक़तें वो जो ख़ुद को ख़ुदा ही समझती रहीं !!!
एक वायरस ने इन शक्तियों को,
औक़ात इनकी बता दी !
और घुटनों पे शक्तिवानों को लाकर खड़ा कर दिया !!
( मौहम्मद ख़ुर्शीद अकरम सोज़ की क़लम से )