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यूपी : अभी कांग्रेस आगे है, पर प्रियंका इस समर्थन को वोट में तब्दील कर पाएंगी ?

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hastakshep
09 Jan 2020
जहाँ अन्याय होगा वहां हम खड़े होंगे, हिंसा पीड़ित परिजनों से मिलीं प्रियंका गांधी

यूपी की सियासत का सीन Politics of UP

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यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस प्रियंका गांधी के मार्फ़त इस समय विभिन्न मुद्दों पर बढ़त बनाए हुए है। जनता में भी कांग्रेस के प्रति सकारात्मक रुख है (People also have a positive attitude towards Congress) खासकर अल्पसंख्यकों का स्पष्ट झुकाव दिख रहा है।

सपा और बसपा की यूपी विधानसभा में कांग्रेस से ज्यादा उपस्थिति होने के बावजूद वे पिछड़ते दिख रहे हैं। जिसका एक कारण यह भी है कि 2019 के लोक सभा चुनाव में अजेय सा दिख रहा सपा-बसपा गठबंधन भी यूपी में धराशायी हो गया है। जिस वजह से भाजपा विरोधी मत का विश्वास सपा, बसपा पर टिक नहीं पा रहा है।

दूसरी वजह है कि आदरणीय मुलायम सिंह यादव का सड़क पर संघर्ष करने का जुझारूपन भी सपा नहीं दिखा पा रही है और सपा के कोर वोट बैंक में भी दरार 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में साफ दिख चुकी है।

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कमोबेश यही हालत बसपा की भी है।

बसपा सुप्रीमो ने तो कभी सड़क का संघर्ष किया ही नहीं, लेकिन जब-जब उनको चुनौती मिली तब-तब उन्होंनें ऐतिहासिक रैलियां करके उन चुनौतियों को जवाब दिया है और एक ऐसी ही रैली की निकट भविष्य में फिर से उम्मीद है, देखें कब होती है।

रही बात कांग्रेस की तो प्रियंका जी का मुद्दों के प्रति concern, उनकी मेहनत में और उनके संघर्ष में कोई कमी नहीं है। पार्टी के विचारक और उनके दरबारी भी कोई मौका नहीं चूक रहे हैं, उनकी larger than life image को sober तरीके से सही पेंट कर रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कांग्रेस संगठन शून्य है और उसको खड़ा करने का कोई प्रयास होता भी नहीं दिख रहा है। यदि इस स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो 2022 में प्रियंका जी की रैलियों में अपार जनसमूह आयेगा, उन्हें सुनेगा, तालियां बजायेगा, नारे भी लगा देगा लेकिन हाथ के पंजे बाला बटन नहीं दबायेगा, जैसा कि राहुल जी के साथ होता रहा है। अल्पसंख्यक वोटर भी जब देखेगा कि उसके अलावा कांग्रेस को समाज का कोई और तबका वोट नहीं कर रहा है तो फिर वह strategic voting करेगा, जिसमें कांग्रेस उसकी पसंद पर तीसरे नम्बर पर होगी।

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मैंने पूर्व में भी कई विश्लेषण किये और बड़ी विनम्रता के साथ कहता हूँ कि वे सही निकले। मैं यह चाहता हूँ कि मेरा यह विश्लेषण गलत निकले और यूपी में 2022 में भाजपा की सरकार न बने।

पीयूष रंजन यादव

(लेखक कांग्रेस के नेता हैं, यूपीपीसीसी के सदस्य रहे हैं, मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र गुन्नौर से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे हैं।)

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