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Priyanka Gandhi will start campaigning in Assam from Monday
असम विधानसभा चुनाव 2021 : Assam Assembly Election 2021
नई दिल्ली, 28 फरवरी 2021. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra) सोमवार से दो दिनों के लिए असम में चुनाव प्रचार (Election campaign in Assam) करेंगी।
असम में कांग्रेस नीत गठबंधन सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है। प्रियंका गांधी के कार्यालय ने इस आशय की सूचना देते हुए कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा 1 और 2 मार्च को चुनाव प्रचार के लिए असम में होंगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रियंका गांधी पहले दिन, गुवाहाटी के कामाख्या मंदिर में प्रार्थना करेंगी और एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेंगी।
उसके बाद वह पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करने के लिए उत्तरी लखीमपुर जिले के सोनारी गांव पंचायत का दौरा करेंगी। लखीमपुर में वह बेरोजगार युवाओं के लिए एक राज्यव्यापी विरोध अभियान भी शुरू करेंगी।
इस दौरान प्रियंका गांधी माधवदेव जनमस्थान और रंगजान भी जाएंगी और गोहपुर में कनकलता बरुआ की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी।
कांग्रेस ने चाय बागान के श्रमिकों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके मद्देनजर, दूसरे दिन प्रियंका सधारु चाय बगान में महिला मजदूरों के साथ बातचीत करेंगी। वह तेजपुर में महाभैरव मंदिर में भी प्रार्थना करेंगी और बाद में एक रैली को संबोधित करेंगी।
कंधे से कंधा मिलाकर कांग्रेस को मजबूत करेंगे भाई-बहन
सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी अब तक उत्तर प्रदेश तक ही सीमित रही हैं, लेकिन अब पार्टी के लिए पूरी तरह से व्यापक प्रचार अभियान में जुट गई हैं। केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल की भी यात्रा करेंगी। राहुल गांधी तमिलनाडु में मोर्चा संभालेंगे।
इस बीच, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के पार्टी के साथ संबंध तोड़ने और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा से कांग्रेस को मनोबल मिला है।
कांग्रेस ने पहले तीन वामपंथी दलों सीपीआई (एम), सीपीआई और सीपीआई-एमएल के साथ-साथ दो क्षेत्रीय दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और आंचलिक गण मोर्चा के साथ महागठबंधन का गठन किया था। इन दोनों क्षेत्रीय दलों की मुसलमानों और स्थानीय लोगों के बीच अच्छी पैठ है।
कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने 2016 में अलग-अलग चुनाव लड़ा था और क्रमश: 26 और 13 सीटें हासिल की थीं।
भाजपा ने असम गण परिषद के अलावा नए सहयोगी यूपीपीएल के साथ गठबंधन में पश्चिमी असम के आदिवासी बहुल बोडोलैंड क्षेत्र में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। 2006 और 2011 में, बीपीएफ असम में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा था, लेकिन 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले, पार्टी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया।