गजब स्थिति है देश में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हिंसा फैलाने वाला और लाल किला पर एक विशेष धर्म का झंडा फहराने वाला भाजपा का करीबी है।
गणतंत्र दिवस के दिन मोदी सरकार किसान के भेष में आये उपद्रवियों से देश के प्रतीक लाल किला और उसके प्राचीर पर लगे तिरंगा को नहीं बचा पाई। अभी तक दीप सिद्धु को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
आरएसएस व तमाम भगवा संगठनों के कार्यकर्ता, स्थानीय भाजपा सांसद व विधायकों के कार्यकर्ता आज सुबह से ही सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचकर उत्पात मचाते रहे नारेबाजी कर रहे। योगेंद्र यादव के दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मकान पर गाली गलौज व पत्थर फेंके गए। गाजीपुर बॉर्डर पर एक सत्तारूढ़ विधायक के साथ 500 लोग उत्पात करते रहे। नांगलोई के पास भी एक सांसद के करीबी आपराधिक तत्व टीकरी बॉर्डर से आंदोलन उखाड़ने पहुंच गए। फिर भी किसान देशद्रोही है।
क्या लालकिला और तिरंगे की रक्षा न कर पाने की जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए?
लालकिले पर झंडा फहराने वाला भाजपा का करीबी, लालकिले और तिरंगे का सम्मान न् बचा पाने वाले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भाजपा के। 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में तिरंगा जलाने वाले आरएसएस वाले, अब तक आरएसएस कार्यालय नागपुर पर तिरंगे की जगह अपना झंडा फहराने वाला आरएसएस। आजादी की लड़ाई का विरोध करने वाला आरएसएस।
प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला किसान, देश को आजाद कराने में अग्रणीय भूमिका निभाने वाला किसान, देश को पालने वाला किसान, कोरोना काल में देश को खाद्यान्न उपलब्ध कराने किसान, इसी किसान के बलबूते पर प्रधानमंत्री 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। फिर भी किसान देशद्रोही।
देश किसान को उसी के खेत में बंधुआ मजदूर बनाने के लिए तीन नए कानून बनाने वाले प्रधानमंत्री, श्रम कानून में संशोधन कर निजी कंपनियों में बंधुआ बनाने की तैयारी करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फिर भी किसान देशद्रोही।
समझो, देश में खेल क्या चल रहा है। अभी भी न समझे तो फिर खुद अपने बच्चों की बर्बादी देखना।
चरण सिंह राजपूत
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।

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