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वर्तमान में हिंदुओं को एक ही compartment में रखने की प्रक्रिया चल रही है। विविधता को गायब किया जा रहा है। यदि आप जय श्री राम न कहेंगे, तो आप हिन्दू नहीं हैं? छद्म हिन्दू पर अनिल सोडानी की एक रचना ...
हिन्दू
मैं हिन्दू हूँ...
कर्म में , पूजा में
साकार और निराकार में,
विधि में, विधान में,
राम में, कृष्ण में,
कार्तिक में, गणेश में,
दुर्गा में, सीता में,
गीता और रामायण में
वेदों और वर्णों में,
पुनर्जन्म और स्वर्ग-नरक में
और बहुत कुछ में...
विश्वास करता हूँ...
मेरा धर्म मुझे इसकी
इज़ाज़त देता है।
मैं हिन्दू हूँ...
पूजा में नहीं, वेदों में नहीं
किसी मूर्ति में नहीं,
भगवान में भी नहीं,
स्वर्ग और नरक में नहीं
पुनर्जन्म में नहीं
विश्वास करता हूँ...
मेरा धर्म मुझे इसकी
इज़ाज़त देता है.
जगत सत्य और
ब्रह्म मिथ्या मानने की
इज़ाज़त भी देता है।
यह हिन्दू धर्म
एक काफिला है
हर सोच के व्यक्ति
एक साथ चल सकते
बिन किसी टकराव
बिन किसी द्वेष के।
जो हमें धकेले,
उनकी बनाई संकरी गली में,
वे या तो हिन्दू का
अर्थ नहीं जानते
या वे छद्म हिन्दू हैं
या हिन्दू धर्म का
उपयोग कर
वशीकरण का
खेल खेलते हैं।
-अनिल सोडानी