/hastakshep-prod/media/post_banners/0Ony18f4IjKdZHEAFqTC.jpg)
Punishing Prashant Bhushan is inauspicious for democracy - IPF
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने शुरू किया प्रतिवाद
कल लेंगे लोकतंत्र व संविधान की रक्षा का संकल्प
लखनऊ, 14 अगस्त 2020, सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज वरिष्ठ अधिवक्ता और जनता की आवाज प्रशांत भूषण को सजा सुनाए जाने को आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने लोकतंत्र के लिए अशुभ बताया। इसके खिलाफ आज सोनभद्र, चंदौली, गोण्ड़ा, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, इलाहाबाद, आगरा समेत कई जगहों पर आइपीएफ ने विरोध किया। सोनभद्र में तो गांव स्तर तक इस फैसले का प्रतिवाद शुरू हो गया है। कल संवाद समूह द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी शपथ में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा का संकल्प पूरे देश में आइपीएफ और सहमना संगठन के सदस्य लेंगे। इसमें भारतीय लोकतंत्र में पैदा हुए इस अंधकारमय युग में देश में न्यायपालिका के लोकतंत्रिकरण के पक्षधर प्रशांत भूषण को सजा सुनाए जाने का भी विरोध किया जायेगा।
यह बातें आज प्रेस को जारी अपने बयान में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी ने प्रेस को जारी अपने बयान में दी।
उन्होंने बताया कि सोनभद्र की दुद्धी तहसील में कृपाशंकर पनिका, घोरावल में कांता कोल, राबर्ट्सगंज में पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुन्ना धांगर, जितेन्द्र धांगर, रेनूकूट में पूर्व सभासद नौशाद, अनपरा में तेजधारी गुप्ता के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुए।
इसी प्रकार लखीमपुर खीरी में पूर्व सीएमओ डा0 बी. आर. गौतम, लखनऊ में आइपीएफ नेता लाल बहादुर सिंह, वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर, गोण्ड़ा में साबिर अजीजी, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, चंदौली में युवा मंच नेता आलोक राजभर, आगरा में आइपीएफ नेता ई0 दुर्गा प्रसाद के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। यह प्रतिवाद कार्यक्रम प्रशांत भूषण की सजा खत्म करने और न्यायपालिका के लोकतांत्रिकरण तक जारी रहेंगे और आइपीएफ इसे राजनीतिक सवाल बनायेगा।