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एमएसपी से कम खरीद हो दण्डनीय अपराध, पीएम कर रहे देश को भ्रमित - एआईपीएफ

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hastakshep
01 Dec 2020
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एमएसपी से कम खरीद हो दण्डनीय अपराध, पीएम कर रहे देश को भ्रमित - एआईपीएफ

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आंदोलित किसानों के समर्थन में एआईपीएफ और मजदूर किसान मंच ने किए प्रदर्शन

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अमेरीका व कारपोरेट के दबाब में बनाए आरएसएस-भाजपा सरकार ने देश विरोधी कानून

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Purchasing less than MSP should be a punishable offence, PM confuses the country - AIPF

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AIPF and Mazdoor Kisan Manch demonstrated in support of agitated farmers

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RSS-BJP government enacted anti-national laws under pressure from US and corporate

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लखनऊ, 1 दिसम्बर 2020, वित्तीय सम्राट अमेरिका द्वारा विश्व व्यापार संगठन (World trade organization) में डाले दबाब और देश के चंद कारपोरेट घरानों के मुनाफे के लिए आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार ने देश विरोधी-किसान विरोधी तीनों कानूनों को बनाने का काम किया है। इसलिए प्रधानमंत्री को इनके बारे में देश को भ्रमित करने की जगह एमएसपी का कानून बनाना चाहिए और इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर किसानों की फसल की कोई खरीद नहीं होगी और ऐसा करना दण्डनीय अपराध होगा।

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यह बातें आज आंदोलित किसानों के समर्थन में पूरे देश में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच द्वारा आयोजित प्रदर्शन में उठी।

प्रदर्शन में नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार का किसानों के आंदोलन के प्रति अभी भी रूख दमनात्मक ही बना हुआ है आज भी किसान आंदोलन के नेताओं पर दंगा कराने जैसी धाराओं में मुकदमें कायम किए गए है। सरकार को अन्नदाता किसानों के प्रति अपने दमनात्मक रूख से पीछे हटकर किसानों की मांगों को हल करना चाहिए और देश विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए। नेताओं ने कहा कि सरकार को देश की खेती कारपोरेट घराने के हवाले करने के बजाए किसानों की सहकारी समितियों को मदद कर मजबूत करना चाहिए ताकि आत्मनिर्भर भारतीय अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सके। आज जरूरत मण्ड़ी समिति को खत्म करने की नहीं बल्कि उसे और विस्तारित व बेहतर बनाने की है ताकि किसानों को उनकी सभी प्रकार की उपज का वाजिब दाम मिल सके। सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम में किया संशोधन हमारी सार्वजनिक खाद्य सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करेगा और खाद्यान्न व्यापार में वायदा कारोबार को मजबूत करने का काम करेगा जिससे आम आदमी को और महंगाई झेलने पर मजबूर होना पड़ेगा। 

विभिन्न जगहों पर हुए प्रदर्शनों का नेतृत्व पूर्व आईजी व राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी, बिहार में पूर्व विधायक व एआईपीएफ बिहार प्रवक्ता रमेश सिंह कुशवाहा, वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, झारखण्ड़ में मधु सोरेन, लखीमपुर खीरी में एआईपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में एआईपीएफ के महासचिव डा. बृज बिहारी, मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, सोनभद्र प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल, कृपाशंकर पनिका, राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, सूरज कोल, चंदौली में अजय राय, आलोक राजभर, गंगा चेरो, लखनऊ में उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, वर्कर्स फ्रंट नेता प्रीती श्रीवास्तव, कमलेश सिंह एडवोकेट, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र, इलाहाबाद में राजेश सचान, राम बहादुर पटेल, आगरा में ईजीनियर दुर्गा प्रसाद आदि लोगों ने किया। 

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