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Raising the issue of unemployment, former Congress President Rahul Gandhi has attacked the Modi government.
नई दिल्ली, 03 फरवरी 2020. बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को निभाने में सरकार नाकाम रही है।
आने वाले सालों में केंद्र की मोदी सरकार देश के युवाओं को कुल कितना रोजगार देगी, इस बारे में बजट 2020 (Budget 2020) में कोई जिक्र नहीं था। बजट में रोजगार के आंकड़े नहीं बताने के पीछे का कारण बताते हुए एक अखबार को दिए गए एक साक्षात्कार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी का नाम ले लिया। उन्होंने कहा कि अगर आकंड़े बताती तो वह सवाल पूछते।
वित्त मंत्री की इस स्वीकारोक्ति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा,
“वित्त मंत्री जी, मेरे सवालों से मत डरिए। मैं ये सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं, जिनके जवाब देना आपकी जिम्मेदारी है। देश के युवाओं को रोजगार की जरूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोजगार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है।”
दरअसल एक अखबार को दिए गए साक्षात्कार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Interview of Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि रोजगार के आकंड़े हमारी ओर से इसलिए नहीं बताए गए, क्योंकि राहुल गांधी फिर पूछेंगे कि एक करोड़ रोजगार का क्या हुआ? राहुल गांधी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इसी बयान पर पलटवार किया है।
वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट कर कहा,
“आंकड़ों से वित्त मंत्री जी का भय वाजिब है। निर्मला जी, राहुल जी के सवाल पूछने के डर से आपने आँकड़े बताने ही छोड़ दिए? हकीकत ये है कि आपके पास उपलब्धियों के नाम पर केवल लफ्फाजी है। आंकड़ों से डर नहीं लगता, साहेब! सच्चाई से डर लगता है। क्यों निर्मला जी?”
वित्त मंत्री जी,
मेरे सवालों से मत डरिए । मैं ये सवाल देश के युवाओं की ओर से पूछ रहा हूं, जिन्हें जवाब देना आपकी ज़िम्मेदारी है।
देश के युवाओं को रोज़गार की ज़रूरत है और आपकी सरकार उन्हें रोज़गार देने में बुरी तरह नाकाम साबित हुई है ।#JawabDoMantriJi pic.twitter.com/qe4ikhPV0j
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 3, 2020
आँकड़ों से वित्त मंत्री जी का भय वाजिब है।
निर्मला जी, राहुल जी के सवाल पूछने के डर से आपने आँकड़े बताने ही छोड़ दिए?
हक़ीक़त ये है कि आपके पास उपलब्धियों के नाम पर केवल लफ़्फ़ाज़ी है।
आँकड़ों से डर नहीं लगता, साहेब!
सच्चाई से डर लगता है। क्यों निर्मला जी? pic.twitter.com/GJaRgIQCXt— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 3, 2020