बाबा रामदेव का बयान कोरोना संकट के बीच आरएसएस/भाजपा के ध्यान भटकाने की टूलकिट

author-image
hastakshep
24 May 2021
बाबा रामदेव का बयान कोरोना संकट के बीच आरएसएस/भाजपा के ध्यान भटकाने की टूलकिट

कोरोना संकट के बीच बाबा रामदेव का बयान आरएसएस/भाजपा के ध्यान भटकाने की योजना (टूलकिट)/एजेंडा का नमूना है

रामदेव का बयान संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित प्रयोग है।

रायपुर/ 24 मई 2021। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल अपना इलाज मेदांता हॉस्पिटल में और अपने चेले आचार्य बालकृष्ण को 2019 में एम्स में भर्ती कर इलाज कराने वाले बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को ‘मूर्खतापूर्ण विज्ञान’ कहना RSS और भाजपा की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

श्री वर्मा ने कहा कि कोरोना के बेकाबू हालात और देशभर के सभी राज्यों में वैक्सीन की कमी से जनता का ध्यान भटकाने अपने मोहरे, लाला (बाबा) रामदेव से अनर्गल बयान दिलवाया गया, और जब देशभर में किरकिरी होने लगी तो माफीवीर सावरकर के अनुयाई माफ़ी मोड़ पर आ गए।

उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने यहां तक कहा कि एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है। जबकि सच यह है कि विगत दिनों रामदेव के पतंजलि आश्रम परिसर के ही 83 लोग एक साथ कोरोना संक्रमित हुए और उनका इलाज एलोपैथी से ही हुआ। विभिन्न समाचार पत्रों और मीडिया चैनलों के द्वारा उक्त समाचार की पुष्टि भी की गई। बाबा रामदेव का एलोपैथी डाक्टरों का मज़ाक उड़ाते हुए डॉक्टर को टर...टर...कहते हुए तंज कसा जो बेहद आपत्तिजनक है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रशासन पूरे मामले में आरंभ से ही भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेताओं का संरक्षण रामदेव के कई विवादित कृत्यों पर पर्दा डालने में रहा। रुचि सोया मामले में करोड़ों रुपए के लोन को राइट ऑफ कर दिया गया, उसके बाद कंपनी को बाबा रामदेव ने खरीदा और आज वह सबसे प्रॉफिटेबल कंपनी में से एक है। विगत दिनों पतंजलि हनी में चाइना के शुगर सिरप के मिलावट की जांच में प्रमाणित होने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एक आयुर्वेदिक प्रोडक्ट "कोरोनिल" के लॉन्चिंग में उपस्थित होकर प्रमोट करते हैं, जबकि आईसीएमआर का स्पष्ट कहना है कि कोरोना संक्रमण के इलाज में कोरोनिल का कोई असर प्रमाणित नहीं है।

देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) ने उन पर ऐक्शन की मांग की। आईएमए ने पत्र लिखकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को कहा कि रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐलोपैथी और वैज्ञानिक चिकित्सा के खिलाफ “अज्ञानताभरा” बयान देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया।

सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की आपत्ति और बाबा रामदेव के "पत्र वापस लेता हूं" कहने मात्र से उनके पाप धुल नहीं जाते, साथ आचार्य बालकृष्ण का बयान पर्याप्त नहीं है। ऐसे भीषण आपदा के समय जानबूझकर व्यावसायिक लाभ और असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ, भ्रम और गलत बयानी करना गंभीर अपराध है। आपदा अधिनियम के तहत धारा 52 से 60 के बीच उपबंधित प्रावधानों के तहत् एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। ऐसे महामारी के विपरीत हालात में चौबीसों घंटे देवदूत की भूमिका निभा रहे डॉक्टरों और चिकित्सा पद्धति के खिलाफ दुष्प्रचार पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर संघी और भाजपा के द्वारा तय एजेंडे पर लगातार इसी तरह से बयानबाजी नियमित रूप से की जा रही है। पहले बीकानेर के सांसद और केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मूर्खतापूर्ण सलाह "भाभी जी के पापड़" से कोरोना का इलाज। फिर कीचड़ में बैठकर शंख बजाने से कोरोना नहीं हो सकता भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया। गो-कोरोना-गो का मंत्र देने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावाले, हाल ही में आतंकी प्रज्ञा भी गौ मूत्र से इलाज़ और अब लाला रामदेव। ये महज़ संयोग नहीं बल्कि RSS/भाजपा का सुनियोजित प्रयोग है ताकि मोदी सरकार की तमाम विफलताओं से कुछ देर के लिए ध्यान भटकाया जा सके। मानवता पर व्याप्त संकट की इस घड़ी में ऐसे लोभी और षड्यंत्र कार्यों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए।

Ramdev's statement is not a coincidence but a planned experiment

Subscribe