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रेटिनोब्लास्टोमा : लक्षण, कारण और उपचार
नई दिल्ली 02 अगस्त 2022. आंखें हमारे मन का आईना होती हैं। शरीर की स्वस्थता व अस्वस्थता तो कोई भी हमारी आखों में झांककर ही देख सकता है। आंखें कुछ न कहते हुए भी इशारों में बहुत कुछ कह जाती हैं। लेकिन, सोचिए उस अवस्था या उन लोगों के बारे में, जिनकी आंखें नहीं हैं। वे लोग जो कि नेत्रहीन हैं।
यह भी सच है कि दुर्भाग्यवश बहुत से बच्चे आंख के साथ पैदा तो होते हैं, लेकिन रेटिनोब्लास्टोमा (Retinoblastoma in Hindi) जैसी बीमारियां उनकी दृष्टि पर धावा बोल देती हैं। अगर समय रहते निदान या उपचार न हो तो बच्चों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
क्या होता है रेटिनोब्लास्टोमा यानी आंखों का कैंसर?
नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर साइट के निदेशक डॉ. महिपाल एस सचदेव (Dr. Mahipal S Sachdev, Director, Center for Sight, New Delhi) का कहना है कि दरअसल, रेटिनोब्लास्टोमा आंखों का एक ऐसा कैंसर होता है जो कि छोटे बच्चों की आंखों पर प्रहार कर सकता है। ये एक आंख या दोनों आंखों में एक साथ भी हो सकता है। इसका ट्यूमर रेटिना में उभरता है जो कि आंखों को दृष्टि प्रदान करती है। जिस केस में एक आंख में ही ट्यूमर उभरता है, उसे यूनिलैटरल रेटिनोब्लास्टोमा (Unilateral Retinoblastoma) कहा जाता है। जिन केसों में दोनों आंखों में ट्यूमर उभरता है, उस स्थिति को बाइलेटरल रेटिनोब्लास्टोमा (Bilateral Retinoblastoma) कहा जाता है।
Symptoms of Retinoblastoma
डॉ. महिपाल एस सचदेव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि रेटिनोब्लास्टोमा के लक्षण निम्र हैं, जैसे कि
भेंगापन;
आंखों की पुतली का लाल होना;
सामान्य से बड़ी पुतली;
रंग-बिरंगी पुतली;
निम्न दृष्टि या दृष्टि का कम होना;
आंखों में सूजन होना आदि।
उन्होंने बताया कि यदि उपरोक्त दिए गए किन्हीं भी लक्षणों से आप का बच्चा पीड़ित हो तो यह आवश्यक नहीं है कि आपके बच्चे को रेटिनोब्लास्टामा ही हो। किंतु ऐसी अवस्था आने से पहले ही अपने बच्चे की आंखों की जांच अवश्य ही कराएं।
रेटिनोब्लास्टोमा का निदान और रेटिनोब्लास्टोमा का कारण (Diagnosis of Retinoblastoma and Cause of Retinoblastoma)
डॉ. सचदेव ने बताया कि अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एम आर आई, बायोप्सी की आवश्यकता हर केस में नहीं होती है।
डॉ. महिपाल एस सचदेव के अनुसार रेटिनोब्लास्टोमा का एक मुख्य कारण आनुवांशिक होता है। यह अक्सर पैदा हुए बच्चों से लेकर 4 वर्ष तक के बच्चों को हो सकता है। लक्षणों की बात करें तो बच्चों की आंखों के मध्य में सफेद रोशनी जैसी दिखने लगती है। इसके अलावा भेंगापन के कईकेंसों में भी कैंसर हो सकता है।
उन्होंने बताया कि प्राय: आंखों के कैंसर का निदान (eye cancer diagnosis) एक कुशल नेत्र रोग विषेशज्ञ द्वारा ही किया जा सकता है। लेकिन जितनी जल्दी इसका निदान हो सके, उतना ही आसानी से उपचार हो सकता है।
रेटिनोब्लास्टोमा की रोकथाम
डॉ. सचदेव ने बताया कि इसकी रोकथाम (Prevention of Retinoblastoma) इसके प्रति अधिक से अधिक जागरुकता से ही की जा सकती है। पहले कुछ समय तक रेटिनोब्लास्टोमा को जानलेवा समझा जाता था, लेकिन आज चिकित्सा जगत की नई तकनीकों के आ जाने से इसका उपचार संभव हो गया है। नई तकनीक व उचित प्रबंधन से आंखों की बरौनियों, पलकों, आंखों के भीतरी भाग आदि में होने वाले ट्यूमरों को भी कम किया जा सकता है।
डॉ. महिपाल एस सचदेव का कहना है कि आम लोगों में रेटिनोब्लास्टोमा के प्रति जागरूकता (Awareness of Retinoblastoma) होना आवश्यक है, तभी यह संभव हो पाएगा।
रेटिनोब्लास्टोमा का उपचार
डॉ. महिपाल एस सचदेव का कहना है कि उपचारों की बात करें तो रेटिनोब्लास्टोमा के लिए बहुत से उपचार (treatment of retinoblastoma) उपलब्ध हैं जैसे कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लेजर थेरेपी, क्रायोथेरेपी, थर्मोथैरेपी, सर्जरी। केस की जटिलता को देखते हुए ही चिकित्सक के द्वारा उपयुक्त उपचार सुझाया जाता है। लेकिन उपचार के साथ बच्चों को विशेष तौर पर समझाना व उपचार के लिए तैयार करना बहुत आवश्यक होता है, जो कि मां बाप के लिए मुश्किल भी होता है।
Retinoblastoma: If not diagnosed and treated in time, children can also lose their lives.