पुणे के ‘रोहित उगाले’ : छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि
कहते हैं सूरज भले रोज अस्त हो जाए, लेकिन फिर रोज सुबह वो उसी तरह पूरी शक्ति के साथ उजागर होता है। ऐसी ही एक कहानी है एक ऐसे बच्चे की जो गिरा – चोट खाई पर फिर भी रुका नहीं। नाशिक में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मा एक लड़का, जिसे उसके मां बाप ने बहुत ही अच्छे स्कूल में पढ़ाया लिखाया सब शिक्षण के साधन दिए पर यहां किताबी ज्ञान से ज्यादा कर दिखाने की लालसा थी। जिसने उसे कुछ बड़ा करने पर प्रेरित किया।
स्कूली शिक्षा में वो हमेशा से ही एक साधारण ठीक-ठाक से अंक लाने वाला छात्र था, लेकिन कहीं न कहीं कुछ विषयों में ऐसी रुचि थी कि शायद एक कागज पर लिखे अंक उनके लिए काफी नहीं थे। दसवीं में अपने अपेक्षा से कम अंक प्राप्त करने के बाद जब उन्हें घर वालों ने कहा कि अब वे और शिक्षा न ले क्योंकि उनका ध्यान पढ़ाई में नहीं था और कहीं न कहीं आर्थिक रूप से यह उनको असंतुलित कर रहा था। तब इस होनहार छात्र ने ग्यारहवीं में विज्ञान विषय चुन कर अपने ही बलबूते पर एडमिशन ले लिया और तब उन्हें इस बात का पता चला कि वे इस किताबी ज्ञान के लिए नहीं बने।
अपने रिश्तेदारों के इस ताने से बचने के लिए की बारहवीं में उन्हें कितने अंक प्राप्त हुए, उन्होंने एक एप्लीकेशन पर काम करना शुरू किया, और SATMAT नाम का एक चैटिंग एप्लीकेशन बनाया। जब उन्हें पता चला की यह शायद उतना फायदेमंद साबित नहीं होगा। उन्होंने दूसरी कंपनियों के लिए एप्लीकेशन बनाकर बेचना शुरू किया। बारहवीं में आने तक वे पढ़ाई के साथ साथ कमाई भी करने लग गए थे।
बारहवीं में उन्होंने विज्ञान छोड़कर कॉमर्स विषय चुनकर बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। तब भी शायद सफलता के लिए उनकी भूख खतम भी हुई थी। उन्होंने सोचा कि वे इवेंट मैनेजमेंट कर सकते हैं और अपनी आगे की पढ़ाई के लिए वो मुंबई भाग गए। पर तब तक शायद वो समाज में एक नाम कमा चुके थे लोगों ने उन्हें प्रोत्साहित करना शुरू किया कि वे IT के क्षेत्र में ही अपना काम जारी रखें।
फिर पुणे आकर उन्होंने अपना एक छोटा सा ऑफिस शुरू किया, वो IT के क्षेत्र में ही लोगों को मदद कर रही थी। इनका विचार था कि वे अपने परिवार को इसकी जानकारी तब देंगे जब वे सफल होंगे वरना नहीं। पर धीरे-धीरे सफलता उनके कदम चूम रही थी।
आज इनकी अपनी कंपनी कई अलग अलग कंपनियों को IT के क्षेत्र में मदद कर रही है। आज यह 3000 से ज्यादा आईटी सॉल्यूशन लोगों को देते हैं, साथ ही कोविड महामारी में इन्होंने बेरोजगारों के लिए और नए व्यापारियों के लिए मदद का हाथ भी बढ़ाया है।
यह कोई और नहीं पुणे के SATMAT ग्रुप के रोहित उगाले (Rohit Ugale Satmat group) हैं। जो अपनी इस कहानी से कई युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं।
यह जानकारी एक विज्ञप्ति में दी गई है।
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