मीडिया की भूमिका से तय होगा कि लोकतंत्र कैसा रहेगा : सीमा चिश्ती

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hastakshep
25 Jul 2022
मीडिया की भूमिका से तय होगा कि लोकतंत्र कैसा रहेगा : सीमा चिश्ती

अनुराग द्वारी लोकजतन सम्मान से अभिनंदित

भोपाल, 25 जुलाई 2022। इंडियन एक्सप्रेस और बीबीसी की पूर्व सम्पादिका सीमा चिश्ती ने कहा कि मीडिया न तो मध्यस्थ है ना ही मूकदर्शक है - देश में लोकतंत्र किस तरह का होगा इसे तय करने में मीडिया की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत में लोकतंत्र के मौजूदा हालत (Current state of democracy in India) में पहुँच जाने में मीडिया द्वारा अपेक्षित भूमिका न निभाने को भी एक प्रमुख कारण बताया।

यह बात उन्होंने रविवार की शाम एक भव्य एवं गरिमामय समारोह में युवा पत्रकार अनुराग द्वारी को लोकजतन सम्मान से सम्मानित करते हुए कही। अनुराग को उनकी खोजी, निर्भीक, मैदानी और अपने ही तेवर वाली पत्रकारिता के लिए लोकजतन सम्मान 2022 से अभिनंदित किया गया।

इस अवसर पर भोपाल के पत्रकारों, साहित्यकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में गांधी भवन में उन्हें सम्मान चिन्ह प्रदान किया गया।

अनुराग एनडीटीवी के मध्यप्रदेश के ब्यूरो चीफ हैं उन्हें सम्मानित करते हुए अभिनन्दनकर्ताओं ने कहा कि वे बिना कोई कोहराम मचाये, विनम्र स्वर में आरोह-अवरोह लाये बगैर एकदम सहजता के साथ बड़ी बातें कह जाते हैं।

उन्हें सम्मानित करने के बाद देश की वरिष्ठ पत्रकार सीमा चिश्ती ने "भारत में मीडिया की मौजूदा हालत, उसके कारणों तथा समाधानों" पर "शैलेन्द्र शैली स्मृति व्याख्यान 2022" दिया।

उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक समय है - इससे बाहर निकलने में मीडिया और पत्रकारों का सक्रिय हस्तक्षेप जरूरी है, जो तब ही संभव है जब इस समय के खतरनाक होने की स्थिति को समझा जाए। मीडिया के मौजूदा स्थिति में पहुँच जाने के कई उदाहरणों सहित व्यवस्थित विवेचना करते हुए उन्होंने 1990 से 2022 की अवस्था में पहुँच जाने का विवरण दिया।

उन्होंने कहा कि मीडिया का काम है कि वह सार्वजनिक विमर्श को बढ़ावा दे। चर्चा का माहौल बनाये और हर चीज या बात को ध्रुवीकरण का जरिया बनाने की कोशिशों को विफल करे। इसके लिए कुछ पूर्व शर्तों की बात उन्होंने कही। एक तो यह कि सबकी सुनी जाये, उनकी कहानी उनकी बयानी जानी जाए, दूसरे मीडिया खुद सवाल उठाये और सवाल उठाने का माहौल बनाये, तीसरे हमेशा तथ्य के जरिये सत्य तक पहुंचा जाए।

अनुराग द्वारी को इसी तरह की पत्रकारिता करने वाला बताते हुए सीमा चिश्ती ने कहा कि मीडिया की चर्चा करते समय पत्रकार और मालिकों के बीच में जो अंतर है उसे भी पूरी समग्रता में समझा जाना चाहिए।

सम्मानित पत्रकार अनुराग द्वारी ने सम्मान के लिए आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत पदक हासिल किये किन्तु  22 बरस की पत्रकारिता में यह पहला सम्मान है। उन्होंने इसे तिहाड़ियों को मिलने वाले कॉरपोरेट तथाकथित बड़े सम्मानों से बेहतर और वास्तविक सम्मानजनक बताया।

मौजूदा पत्रकारिता पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि खबरें निकालना मुश्किल नहीं है संस्थाओं की सीमाओं के बावजूद इन्हें निकाला जा सकता है। कई बार सिर्फ तथ्य ही खबर हो जाते हैं। मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान 3 घंटे में 23 करोड़ रुपए खर्च करने, पौने 2 करोड़ गरीबों को अनाज देने में थैले पर तस्वीरें छापने में हुए फिजूल खर्च के तथ्य ही काफी है। उन्होंने पत्रकारों की संकटपूर्ण जिंदगी का जिक्र भी किया।

समारोह की शुरुआत में लोकजतन सम्पादक बादल सरोज ने आयोजन के बारे में सामान्य परिचय दिया और बताया कि इसके संस्थापक सम्पादक शैलेन्द्र शैली (24 जुलाई 1957 - 07 अगस्त 2001) की जयंती पर दिया जाने वाला यह चौथा सम्मान है।

इससे पहले डॉ राम विद्रोही (ग्वालियर), कमल शुक्ला (बस्तर) तथा लज्जाशंकर हरदेनिया (भोपाल) को इससे अभिनंदित किया जा चुका है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के वरिष्ठ सम्पादक पत्रकार पलाश सुरजन ने जनता के राजनीतिक चेतना के सवाल पर कहा कि सरकारों ने जनता को राजनीतिक रूप से शिक्षित नहीं किया - यह काम हम सबको मिलकर राजनीतिक अभियान चलाकर करना चाहिए।

संध्या शैली ने आभार व्यक्त किया।  

समारोह का संचालन लोकजतन के कार्यकारी सम्पादक राम प्रकाश त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर प्रकाशिका संध्या शैली, सम्पादक मंडल के सदस्य प्रमोद प्रधान, उपेंद्र यादव, प्रबंध सम्पादक सुरेंद्र जैन भी मंच पर मौजूद थे।

भारी बारिश के बावजूद भोपाल के गणमान्य नागरिक समारोह में शामिल होने पहुंचे।

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