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लोकतंत्र के ज़रिए चुनकर आए मोदी ने जनता से लोकतंत्र और सुशासन ही छीन लिया
आरएसएस-मोदी पाकर लोकतंत्र खोया !
नरेन्द्र मोदी लोकतंत्र के ज़रिए चुनकर आए। लोकतंत्र-लोकतंत्र ! सुशासन-सुशासन ! का नारा देकर आए और विगत आठ सालों में उन्होंने भारत की जनता से लोकतंत्र और सुशासन ही छीन लिया। अब देश में मोदी का शासन है, आरएसएस का शासन है, लेकिन लोकतंत्र नहीं है, सुशासन नहीं है।
आरएसएस -मोदी के केन्द्र सत्ता में आते ही लोकतंत्र की बजाय दमनतंत्र और लूट की सत्ता क़ायम हुई है, खासकर आरएसएस-भाजपा की जहां पर सरकारें हैं, वहाँ पर खुलेआम लोकतंत्र और सुशासन को बंधक बनाया जा चुका है।
संविधान में उल्लिखित धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और समानता का आरएसएस ने हमेशा विरोध किया था। लेकिन आचरण में उन्होंने पूरी शक्ति के साथ मोदी के पीएम बनने के बाद इसे लागू किया। उन्होंने लोकतंत्र के वोट को पाखंड बनाकर रख दिया है। चुनाव आयोग से लेकर न्यायपालिका तक सबको संवैधानिकता से मुक्त करके मोदी-आरएसएस का अनुगामी बना दिया है। इससे भारतीय समाज से लोकतंत्र की विदाई हुई है।
अब पूरा देश लोकतंत्र और संविधान से नहीं, अहर्निश कोरोना प्रोटोकॉल और आधार केन्द्रित एप के ज़रिए निर्देशित और संचालित है। इसने लोकतंत्र और स्वतंत्रता को हमेशा के लिए छीन लिया है। इस समय पूरा समाज उनकी निगरानी में है।
निगरानी की संस्कृति लोकतंत्र और स्वतंत्रता का अंत है।
जब एक बार समाज निगरानी के दायरे में आ जाता है तो लोकतंत्र और स्वतंत्रता हमेशा के लिए ख़त्म हो जाती है। यह काम और किसी ने नहीं आरएसएस-मोदी ने किया है। इसके बावजूद भारत की जनता में मोदी आकर्षण कम नहीं हुआ है।
इस समय भारत में अदालतों के जज चीख रहे हैं, जनता हाहाकार कर रही है। विधायक बिना इलाज के मर रहे हैं। लेकिन आम जनता और ख़ासकर तथाकथित शिक्षित जनता मोदी को लेकर खुश है, मोदी सरेआम झूठ बोल रहे हैं, जनता की कोई मदद नहीं कर रहे, लेकिन जनता खुश है, उनकी चुनाव सभाओं में हज़ारों की भीड़ आ रही है। उनकी पार्टी को आशा के विपरीत जमकर वोट मिल रहे हैं। वे लोकतंत्र को बंधक बना चुके हैं और पूरे देश की स्वतंत्रता, व्यापार की स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अपहरण कर चुके हैं। यह गुलाम मानसिकता की अभिव्यंजना है।
हमें यह बात ध्यान रखनी चाहिए देश जब एक बार आज़ादी और लोकतंत्र खो देता है तो उसे दोबारा पाना मुश्किल होता है। मोदी-आरएसएस ने लोकतंत्र और स्वतंत्रता को हमेशा के लिए नष्ट कर दिया है। अब देश का प्रत्येक नागरिक विभिन्न क़िस्म के एप और उनमें रजिस्ट्रेशन के ज़रिए पुलिस, सीबीआई, आईबी आदि की अहर्निश निगरानी में है। उसकी निजता और स्वतंत्रता छीन ली गई है और यह सब हुआ है आधार कार्ड के ज़रिए किए जा रहे विभिन्न क़िस्म के एप रजिस्ट्रेशन के बहाने। लोकतंत्र की इस तरह हमेशा के लिए हत्या कर दी गई है।
आप लोग आरएसएस के खिलाफ जब तक वैचारिक हमले तेज नहीं करेंगे, मोदी सरकार टस से मस नहीं होगी। मोदी सरकार की जान है आरएसएस। मोदी को अपदस्थ करने के लिए जरूरी है समाज में आरएसएस को अपदस्थ करो, वरना सारी जिंदगी-फालतू विषयों पर चिल्लाते रहना, मोदी का कुछ नहीं होगा।
प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी की एफबी टिप्पणियों का समुच्चय
Web title : RSS-Modi destroyed democracy and freedom forever