नई दिल्ली, 10 जुलाई 2021. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और अपने समय के कद्दावर जाट नेता रहे स्व. शीशराम ओला पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया की टिप्पणी (BJP's national spokesperson Gaurav Bhatia's comment on Shishram Ola) से राजस्थान की राजनीति में बवाल मच गया है. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला तक ने मामले में भाजपा से माफी मांगने की बात कही है. गौरतलब है कि गौरव भाटिया ने एक टीवी डिबेट में शीशराम ओला पर ओछी टिप्पणी करते हुए कहा था कि 85 साल की उम्र में शीशराम ओला को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था.
जिनका हिल गया था पुर्जा, उनमें मनमोहन सिंह ढूंढ रहे थे ऊर्जा. गौरव भाटिया की इस टिप्पणी के बाद सियासी माहौल गर्म है.
नड्डा माफी मांगें – अशोक गहलोत
गौरव भाटिया की इस ओछी टिप्पणी को लेकर आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से राजस्थान की जनता से माफी मांगने की मांग की.
गहलोत ने ट्वीट पर लिखा कि स्व. शीशराम ओला ने 60 सालों से अधिक समय तक सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में रहकर किसानों के हितों की रक्षा की. वे केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों में अनेकों बार केबिनेट मंत्री रहे. 1968 में उन्हें समाज सेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला.
गहलोत ने कहा कि भाटिया द्वारा की गई टिप्पणियों की मैं भर्त्सना करता हूं. इससे प्रदेश की जनता में भारी आक्रोश पैदा हुआ है.
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उधर, राजस्थान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने भी मामले में ट्वीट कर कहा कि शीशराम ओला आज इस दुनिया में नहीं हैं. उनका संदर्भ लेकर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग गौरव भाटिया की मानसिकता के साथ भाजपा की सोच को भी दर्शा रहा है.
वहीं राजस्थान के परिहवन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी भाटिया के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भाजपा प्रवक्ताओं को झूठ बोलने और भ्रमित करने की ट्रेनिंग दी जाती है.
रणदीप सुरजेवाला ने भी की माफी की मांग
कांग्रेस के महासचिव और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी मामले में भाजपा पर हमला बोलते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया से माफी की मांग की है.
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि चौधरी शीशराम ओला देश के किसानों के कद्दावर नेता थे जिनका जमीनी संघर्ष और जुड़ाव आज भी राजस्थान की माटी में समाया है. मरणोपरांत उनके प्रति ऐसी घटिया भाषा का प्रयोग किसानों और राजस्थान के प्रति भाजपाई दुर्भावना को दिखाता है. जेपी नड्डा, सतीश पूनिया और गुलाब चन्द कटारिया माफी मांगें.