Senior doctors stop working after the resignation of 3,000 junior doctors in Madhya Pradesh
भोपाल, 4 जून (न्यूज़ हेल्पलाइन) : कोरोना महामारी के संकट के बीच मध्य प्रदेश एक और संकट में फंस गया। राज्य के तीन हजार जूनियर डॉक्टरों ने आज इस्तीफा दे दिया है। इस घटना से राज्य की पूरी चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। राज्य के अस्पताल शायद इस संकट के साथ शायद सर्वाइव भी कर जाते, मगर तभी एक और संकट आ गया है। ताज़ा घटनाक्रम में राज्य के सीनियर डॉक्टरों ने भी अस्पतालों में काम करना बंद कर दिया है।
गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और डॉक्टरों के हड़ताल का नेतृत्व कर रहे डॉक्टर सौरभ तिवारी ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि राज्य में 3000 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। हम वही मांग रहे हैं जो सरकार ने हमसे वादा किया था। आज से सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी काम करना बंद कर दिया है। इस बार हम सरकार से लिखित आश्वासन चाहते हैं।
डॉक्टरों के हड़ताल के बारे में बात करते हुए मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास कैलाश सारंगी ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स हमसे बात करना नहीं चाहते हैं। यहां तक कि हाई कोर्ट ने भी इस विरोध को अवैध करार दिया है। विरोध कर रहे डॉक्टरों को कम से कम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए और तुरंत काम पर वापस आ जाना चाहिए। मुझे लगता है डॉक्टर्स हाई कोर्ट का सम्मान करेंगे और तुरंत काम पर वापस आ जाएंगे।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों के जूनियर डॉक्टर्स अपनी कुछ मांगों के साथ पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं और अपनी मांगों को मानने की स्थिति तक हड़ताल से वापस न् आने की जिद पर अड़े हुए हैं।