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माकपा के गंभीर आरोप : तबलीगी संबंध की अफवाह और कोरोना पॉजिटिव के शक के आधार पर सुकमा प्रशासन ने युवक को बनाया बंधक

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hastakshep
30 Jul 2020
माकपा के गंभीर आरोप : तबलीगी संबंध की अफवाह और कोरोना पॉजिटिव के शक के आधार पर सुकमा प्रशासन ने युवक को बनाया बंधक

Serious CPI-M allegations: Sukma administration holds youth hostage on the basis of rumors of tabligi relationship and suspicion of Corona positive

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रायपुर, 30 जुलाई 2020. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शाहनवाज़ अहमद नामक एक मुस्लिम युवक को अफवाह और शक के आधार पर सुकमा प्रशासन द्वारा बंधक बनाने का आरोप लगाया है और उसे मुक्त करने की मांग की है।

पूरे मामले की जानकारी देते हुए माकपा के छत्तीसगढ़ राज्य सचिव संजय पराते ने बताया कि यह युवक मूल रूप से बिहार का रहने वाला है और विगत पांच वर्षों से सुकमा जिले के तोंगपाल में जीवन यापन कर रहा है। 4 जुलाई को वह बिहार से तोंगपाल पहुंचा, तो उसे 17 जुलाई तक के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया। इसी बीच संघ-भाजपा समर्थकों ने उसके तबलीगी जमात से संबंध होने और कोरोना पॉजिटिव होने की अफवाह उड़ा दी, जिसके बाद प्रशासन ने उसे 16 जुलाई को जबरदस्ती तोंगपाल के ही क्वारंटाइन सेंटर में बंद कर दिया। फिर उसे 21 जुलाई को मेडिकल कॉलेज, जगदलपुर (मेकॉज) में भर्ती कराया दिया। युवक का दावा है कि कोरोना का इलाज किये बिना और उसके पॉजिटिव या नेगेटिव होने की रिपोर्ट दिए बिना अस्पताल प्रशासन ने उसे 27 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन उसे फिर प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है और जबरन उसे सुकमा स्थित क्वारंटाइन सेन्टर में कैद किये हुए है।

माकपा नेता पराते ने इस युवक के साथ हुई टेलिफोनिक बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मीडिया के लिए जारी की है, जिसमें वह कह रहा है कि प्रशासन उसके साथ किसी आतंकवादी की तरह व्यवहार कर रहा है और अपना मामला उजागर करने पर एसडीएम उसे जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं।

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माकपा नेता ने कहा कि अपनी बीमारी की वास्तविक स्थिति और रिपोर्ट के बारे में जानना हर मरीज का अधिकार है। शाहनवाज़ नामक यह युवक 4 जुलाई से प्रशासन के कब्जे में है। यदि वह पॉजिटिव है, तो उसका इलाज किये बिना मेकॉज द्वारा उसे डिस्चार्ज करना गंभीर मामला है। यदि वह नेगेटिव है, तो प्रशासन द्वारा उसे जबरन क्वारंटाइन में रखना और भी गंभीर मामला है।

माकपा का आरोप है कि युवक के मुस्लिम होने की वजह से उसका संबंध तबलीगियों से होने की और उसके कोरोना पॉजिटिव होने की अफवाह फैलाकर उसे प्रताड़ित किया जा रहा है और उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है।

माकपा ने इस युवक को तुरंत रिहा करने की या उसके पॉजिटिव होने पर उसका अस्पताल में इलाज कराए जाने की मांग की है।

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माकपा ने यह भी मांग की है कि पूरे मामले के संबंध में आम जनता के बीच फैले भ्रम को दूर करने के लिए जिला प्रशासन स्पष्टीकरण जारी करें।

इस संबंध में माकपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी पत्र लिखा है और संबंधित युवक के पक्ष में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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