Advertisment

13 को गंगानगर में 'विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा' : राकेश टिकैत, बादल सरोज सहित कई नेता करेंगे संबोधित

author-image
hastakshep
05 Feb 2023
किसान सभा सदस्यों ने रखा उपवास, दिया सदभावना का संदेश

Advertisment

कोरबा (छत्तीसगढ़), 5 फरवरी 2023। आगामी 13 फरवरी को कोरबा जिले के बांकी मोंगरा क्षेत्र में छत्तीसगढ़ किसान सभा की अगुआई में 'विस्थापन पीड़ितों की संघर्ष सभा' का आयोजन किया जा रहा है। इस सभा को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज, बीकेयू के महासचिव राजवीर सिंह जादौन, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा के सचिव संजय पराते सहित कई राष्ट्रीय और स्थानीय नेता संबोधित करेंगे।

Advertisment

छग किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि संघर्ष सभा में हजारों किसान हिस्सा लेंगे और केंद्र की मोदी सरकार और राज्य में भूपेश सरकार की किसानों और आदिवासियों को विस्थापित करने वाली नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करेंगे। यह संघर्ष सभा गंगानगर में 13 फरवरी की शाम 5 बजे आयोजित की जा रही है। हसदेव-सरगुजा क्षेत्र के किसानों के महासम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद टिकैत यहां किसान सभा द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही में किसान सभा के केरल में हुए राष्ट्रीय महाधिवेशन को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत संबोधित करने आये थे, तब उन्होंने उनसे मिलकर कोरबा जिले के विस्थापितों की समस्याओं के बारे में बातचीत की थी तथा उन्हें  कोरबा आमंत्रित किया था।

Advertisment

उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में एसईसीएल द्वारा विस्थापित ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर और आदिवासी वनाधिकार से जुड़े मुद्दों पर किसान सभा का लगातार अभियान-आंदोलन चल रहा है। कुसमुंडा में भू-विस्थापितों को रोजगार देने के सवाल पर लगातार 465 दिनों से धरना जारी है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्वासित गांवों में बुनियादी मानवीय सुविधाओं को प्रदान करने की मांग पर कई बार खदान बंदी भी हुई है और वन भूमि पर काबिज आदिवासियों को वनाधिकार देने की मांग पर हाल ही में मुख्यमंत्री के आगमन पर प्रदर्शन भी आयोजित किया गया है।

Advertisment

किसान सभा नेता ने कहा कि आज कोरबा जिला देश के सबसे प्रदूषित जिलों में से एक है। एनटीपीसी और अन्य प्लांटों द्वारा अनियमित तरीके से जो राखड़ बांध बनाये गए हैं, उससे किसानों की खेती-किसानी स्थायी रूप से बर्बाद हुई है और आम जनता के स्वास्थ्य पर इतना खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है कि लोगों की औसत आयु घटकर आधी हो गई है। इसके खिलाफ भी किसान सभा प्रभावित किसानों को संगठित कर रही है।

Advertisment

उन्होंने कहा कि इन आंदोलनों को ग्रामीण जनता का भारी समर्थन भी मिला है। इन मुद्दों पर जगह-जगह हो रहे आंदोलन से प्रशासन की कई बार किरकिरी भी हुई है। टिकैत के आने से विस्थापन के खिलाफ और केंद्र व राज्य सरकार की किसान विरोधी और आदिवासी विरोधी नीतियों के खिलाफ हो रहे आंदोलनों को और बल मिलेगा।

Advertisment

किसान सभा नेता ने बताया कि टिकैत के स्वागत और संघर्ष सभा के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू हो चुकी है। पूरे जिले में चार दिनों के लिए पांच वाहन जत्थे निकाले जाएंगे, जो गांवों में सभाओं, बैठकों और पर्चा वितरण के जरिये संघर्ष सभा और इससे जुड़े मुद्दों का व्यापक प्रचार करेंगे, ताकि खेती-किसानी, विस्थापन और भूमि से जुड़े मुद्दों पर किसान सभा के दृष्टिकोण और साझा संघर्ष विकसित करने की जरूरत के संदेश को आम जनता तक पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही आम जनता के मुद्दों पर ईमानदारी के साथ संघर्ष कर रहे सभी छोटे-बड़े

Advertisment

संगठनों को इस मंच पर संगठित करने की कोशिश की जा रही है।

Several leaders including Rakesh Tikait, Badal Saroj will address 'Displacement Victims Struggle Meeting' in Ganganagar on 13th

Advertisment
सदस्यता लें