नई दिल्ली, 26 अक्तूबर 2021. दिवाली का त्योहार प्रकाश और उजाले का प्रतीक माना जाता है। लेकिन दिवाली का भरपूर आनंद लेने के लिए हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि हमारी आंखें सुरक्षित और स्वस्थ रहें। दिवाली की परंपरा के अनुसार हम सभी लोग घर के हर कोने में चारों ओर दीपक और मोमबत्तियां जलाते हैं। सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को मुबारकबाद देते हैं। मिठाइयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। लेकिन इस दिन कई लोग अपनी आंखें भी खो बैठते हैं।
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समूह में इकट्ठा होकर ही पटाखे क्यों जलाएं?
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नई दिल्ली स्थित सेंटर फार साइट के एडिशनल डायरेक्टर डॉ. रितिका सचदेव के अनुसार पटाखे जलाते वक्त बहुत से लोग अपनी आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचा बैठते हैं। बहुत से लोगों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली जाती है। इसलिए समूह में इकट्ठा होकर ही पटाखे जलाने चाहिए। इससे त्योहार का आनंद तो दोगुना हो ही जाता है साथ ही बच्चों को अकेले पटाखे जलाने का मौका नहीं मिलता जिससे कि उन्हें कोई नुकसान पहुंचे।
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डॉ. रितिका सचदेव के अनुसार सुरक्षित दिवाली मनाने के कुछ तरीके(According to Dr. Ritika Sachdev, Additional Director, Center for Sight, New Delhi, some ways to celebrate Diwali safely)इस तरह हैं :-
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पटाखों को दूर से ही जलाएं - पटाखों के एकदम नजदीक न जाएं खासकर अपने चेहरे को तो बहुत ही दूर रखें। अगर कोई पटाखा न फूटे तो उसके पास जाकर उसे हाथ से न छूएं। हो सकता है कि वो पटाखा आप के हाथ में ही फट जाए। पटाखे जलाते समय ढीले-ढाले कपड़े पहनें और सिंथेटिक कपड़े न पहनें।
बच्चों को अकेले पटाखे जलाने के लिए न भेजें - बच्चों को तीर कमान से खेलने के लिए मना करें क्यों कि उससे आंखों में चोट लगने का खतरा बहुत अधिक रहता है।
डॉ.रितिका सचदेव के अनुसार दिवाली के समय आखों में कट, सुपरफिशियल एब्रेशन, ग्लोब इंज्योरी, केमिकल एण्ड थर्मल बर्न हो सकता है। पीड़ित को आंखों में दर्द, लाल होना, सूजन, जलन, आंख खोलने और बंद करने में परेशानी या फिर दिखाई न देना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थ होते हैं- अनार, हवाई, तीर कमान आदि।
सबसे ज्यादा क्षति तब होती है जब पटाखों को टिन या शीशे की बोतल में रखकर जलाया जाता है ताकि सबसे ज्यादा शोर हो, लेकिन इससे आसपास खड़े लोगों को बहुत नुकसान पहुंच सकता है इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।
पत्थर और कांच के टुकड़े बहुत तेजी से उड़ते हुए किसी की भी आंख में बहुत अंदर तक चुभ सकते हैं जिससे कि आंखों में भयानक चोट लग सकती है।
पटाखों के अंदर से निकला हुआ कार्बन और अन्य विषाक्त पदार्थ आंखों के उत्तकों, नसों और अन्य मुलायम लिगामेंट्स को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।
आंख में चोट लगते ही आंख को नल के साफ पानी से छींटे मारें। फिर तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर के पास ले जाएं।
दिवाली में आंखों में चोट लगने पर क्या करें? (What to do in case of eye injury during Diwali?)
अगर आप की आंखों में चोट लग जाए तो कुछ निम्रलिखित बातों का ध्यान रखें जैसे :-
डॉ.रितिका सचदेव का कहना है कि चोटिल भाग को न छेड़ें और आंखों को न मलें। अगर ये सुपरफिश्यिल इंज्युरी है तो आंखों को साफ पानी से धो लें।
अगर आंखों से खून निकल रहा हो, दर्द हो या फिर साफ दिखाई न दे तो आंखों को ढंक लें और तुरंत डाक्टर के पास जाएं। अपने आप कोई उपचार न करें।
किसी भी आंख की चोट को मामूली न समझें क्यों कि छोटी सी चोट भी हमेशा के लिए आंखों की दृष्टि को हानि पहुंचा सकती है।
ये छोटी-छोटी बातें और जानकारी आंखों के इलाज में मदद करती हैं, जिससे पीड़ित जल्दी ही ठीक हो सकता है। ये याद रखिए कि आंखें भगवान का अमूल्य उपहार हैं और उनका ख्याल रखना हमारा परम कर्तव्य है। आंख संबंधी किसी भी समस्या को सुलझाने के लिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, स्वयं डॉक्टर न बनें।