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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एडवोकेट मोहम्मद शोएब की जमानत खारिज कराने के प्रयास की सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) द्वारा निंदा
Socialist Party (India) condemns Uttar Pradesh government's attempt to cancel Advocate Mohammad Shoaib's bail
लखनऊ, 22 अगस्त 2020. उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के यहां दिसम्बर 2019 के नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा एवं तोड़-फोड़ में आरोपी (Accused of vandalism during the protests against Citizenship Amendment Act and National Register of Citizens in December 2019) बनाए गए सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शोएब, कांग्रेस कार्यकर्ती सदफ जफर व संस्कृतिकर्मी दीपक कबीर की जमानत खारिज कराने हेतु आवेदन दिया है।
एडवोकेट मोहम्मद शोएब के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के अवसर 30 जनवरी 2020 पर, हुसैनाबाद स्थित घंटाघर, जो लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ आंदोलन का मुख्य केन्द्र था, एक मोमबत्ती प्रदर्शन का नेतृत्व कर लोगों को अवैध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया एवं भड़काया।
यह जानकारी देते हुए सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उपाध्यक्ष डॉ. संदीप पाण्डेय ने कहा कि सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) उ.प्र. सरकार के इस प्रयास की निंदा करती है और उसे सुझाव देती है कि सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पीछे पड़ने के बजाए प्रदेश में हत्यारों, बलात्कारियों, अपहरणकर्ताओं व धन उगाही करने वालों पर नियंत्रण स्थापित कर कानून व व्यवस्था को पटरी पर लाए जिसकी इस समय खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
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