पत्रकारिता दिवस पर डॉ. कमला माहेश्वरी 'कमल' के कुछ दोहे

hastakshep
30 May 2020
पत्रकारिता दिवस पर डॉ. कमला माहेश्वरी 'कमल' के कुछ दोहे

Some couplets of Dr. Kamla Maheshwari 'Kamal' on Journalism Day

?आज पत्रकारिता दिवस पर सभी पत्रकार बन्धुओं को मेरी बहुत -बहुत शुभकामनाएं व शताधिक नमन __?.

कुछ दोहे उन्हें समर्पित करती हूँ __

 

पत्रकारिता क्षेत्र वह, दिखलाता है साँच.

कठिन घड़ी कितनी रहे लेता है सब बाँच..

 

सत्य खोज हित छानता पर्त-पर्त वो बात.

तब ही तो है आँकता सही ग़लत औकात..

 

बड़ी बात भी सूक्तिमय लघु को करे प्रधान.

भाष्य कला को पारखी, करे नजर प्रदान..

 

सत्य शोध हित छानता गली-गलीचे धूल. तब ही पाता शोथ वह, सच्चाई के फूल..

 

पग - पग पर चैलेंज हैं, लिए हथेली जान.

फिरता है बन बावला दे तब जन तह ज्ञान.

 

जैसी स्याही हो कलम, वैस ही दे रंग .

पत्रकारिता भाँति इस नियम न करती भंग.

 

डॉ.कमला माहेश्वरी 'कमल' बदायूँ (उप्र).

 

???????????

अगला आर्टिकल