भाकपा का प्रेस बयान
State government should immediately cancel the decision to install meters on farmers' private tube wells: CPI
लखनऊ- 4 जून 2021, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार से पूछा है कि वह किसानों को प्रताड़ित करने के किसी भी मौके को क्यों नहीं छोड़ रही है। क्यों बार-बार ऐसे प्रयास किये जा रहे हैं कि किसान अपने खेतों को छोड़ने को मजबूर हो जायें और सरकार उन्हें अपने कॉरपोरेट दोस्तों के हवाले कर दे।
भाकपा ने एक प्रेस बयान में कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों से जूझ रहे और महंगे खाद और डीजल की मार से हलकान किसानों पर उत्तर प्रदेश में एक और बड़ा हमला होने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में निजी नलकूपों में मीटर लगाने के आदेश जारी किये जा चुके हैं। सरकार के इस आदेश को पालन करते हुए बिजली विभाग ने अपने अधीनस्थों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
यदि ऐसा हुआ और निजी नलकूपों में मीटर लग जाते हैं तो कृषि के लिये फ्लैट रेट की बिजली हमेशा के लिये समाप्त हो जायेगी और घरेलू बिल की तरह नलकूपों के बिलों में भारी बढ़ोतरी हो जायेगी। इससे नलकूपों के बिलों के भुगतान में पहले से ही असमर्थ किसानों पर असहनीय बोझ पड़ेगा।
जाहिर है महंगी बिजली के चलते फसलों की उत्पादन लागत और बढ़ जाएगी। पहले से अलाभकर खेती पूरी तरह घाटे का सौदा बन जाएगी। पहले से कर्ज में डूबे किसान और भी कर्जे में डूब जायेंगे और
परिणामस्वरूप किसान खेत छोड़ने को मजबूर होगे। भाजपा ऐसा ही चाहती भी है।
भाकपा ने राज्य सरकार से मांग की कि वह किसानों के निजी नलकूपों पर इस मीटर प्रणाली लादने के फैसले को तत्काल रद्द करे।