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लोकतंत्र का कुचलना बन्द करो : भाकपा

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hastakshep
28 May 2021
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वामपंथी ताली, लोटा और थाली नहीं बजायेंगे, क्योंकि दंगाई दंगे भड़काने को इस का इस्तेमाल करते रहे हैं

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एस्मा हटाओ, किसानों पर लगे मुकदमे वापस लो, मजदूरी या पगार दो, जहरीली शराब रोको तथा लोकतंत्र का कुचलना बन्द करो : भाकपा

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लखनऊ- 28 मई, 2021,  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि संविधान और लोकतांत्रिक प्राविधानों के तहत चुन कर सत्ता में आयी भाजपा सरकार ने प्रदेश में लोकतंत्र को ताक पर रख दिया है और आपातकाल से भी बदतर हालात पैदा कर दिये हैं।

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कोविड प्रावधानों के नाम पर आम जनता, विपक्ष, मजदूर, किसान और सरकारी कर्मचारी सभी के अधिकारों को तानाशाही के पैरों तले रौंदा जा रहा है। जिन तबकों ने भाजपा को सत्ता तक पहुंचाया, आज सरकार बड़ी बेशर्मी से उन्हीं पर हमले बोल रही है। जबकि सत्ताधारी, माफिया सरगना, पुलिस-प्रशासन के अधिकारी और अपराधी आदि को हर तरह के मनमानेपन की छूट मिली हुयी है।

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ताजे मामले प्रदेश में एस्मा को तीसरी बार बढ़ाने, किसानों पर मुकदमे लादने, मजदूरों को मजदूरी से वंचित रखने और शराब के रूप में मौत बांटने के हैं। आज फिर अलीगढ़ में जहरीली शराब ने दर्जन भर लोगों की जान ले ली।

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राज्य सरकार द्वारा लागू की गयी कर्फ्यू प्रणाली ने मजदूरों का रोजगार पूरी तरह छीन लिया है। प्रदेश के 6 करोड़ मजदूर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं और उनके परिवार भूखों मर रहे हैं। सरकार जानलेवा शराब की दुकानें खुलवा रही है, पर मजदूरी पर पाबंदी लगा रखी है।

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पूरे साल धारा 144 लगाये रखने वाली सरकार ने शिक्षक कर्मचारी वर्ग की हड़ताल पर तीसरी बार पाबन्दी लगा दी। ये सरकार के वे ही वफादार कर्मचारी हैं जिन्होंने जान पर खेल कर पंचायत चुनावों में डयूटी की और सरकार की सनक को परवान चढ़ाया। इससे कर्मचारी संगठनों में और भी गुस्सा फूट पड़ा है।

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सरकार उन किसानों को भी बख्शने को तैयार नहीं जिन्होंने कोविड संकट में जान जोखिम में डाल कर देश के लिये खाद्यान्न, फल और सब्जियां पैदा कीं। 26 मई को काला दिवस मनाने वाले किसानों पर जगह जगह मुकदमे लिखे गये हैं। अलीगढ़ में 8 किसानों पर मोदी का पुतला फूंकने पर  अन्य दफाओं के अतिरिक्त  UPSPA की धारा 6 के तहत केस दर्ज किया गया है। जबकि उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि किसी का पुतला फूंकने पर उपर्युक्त कानून की धारा लागू नहीं होती। लेकिन मदान्ध सरकार संविधान, न्यायालय अथवा लोकमत किसी को सम्मान देने को तैयार नहीं।

सरकार को समझना होगा कि लोकतंत्र बिना लोकतांत्रिक अधिकारों के चल नहीं नहीं सकता और लोकतंत्र का अर्थ सिर्फ वोट देना नहीं है।

भाकपा ने एस्मा को तत्काल हटाने, किसानों पर लगे मुकदमे निरस्त करने, मजदूरों को मजदूरी का अवसर अथवा पगार देने तथा शराब और जहरीली शराब के  मौत तांडव को रोकने की मांग की है।

साथ ही बेढंगे और मनमाने कर्फ्यू को हटाने और सामाजिक चेतना बढ़ा कर कोविड नियमों का पालन कराने का प्रयास करने की मांग की है।

भाकपा ने चेतावनी दी है कि आपातकाल से भी बदतर स्थितियां विस्फोटक बनी हुयीं हैं, जो किसी बड़े जनांदोलन को जन्म दे सकती हैं।

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