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मुस्लिम गर्भवती महिलाओं को बीएचयू से भगाने वाले डॉक्टरों का हो निलंबन- शाहनवाज़ आलम

Suspension of doctors who drive Muslim pregnant women out of BHU- Shahnawaz Alam उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान ले कर कार्रवाई करनी चाहिए लखनऊ 11 अप्रैल2 2020। बीएचयू के डॉक्टरों द्वारा मुस्लिम गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से बाहर भगा देने की घटनाओं (Incidents of BHU doctors banning Muslim pregnant women out of hospital) को उत्तर …

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Shahnawaz alam at Bulandshahar

Suspension of doctors who drive Muslim pregnant women out of BHU- Shahnawaz Alam

उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान ले कर कार्रवाई करनी चाहिए

लखनऊ 11 अप्रैल2 2020। बीएचयू के डॉक्टरों द्वारा मुस्लिम गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से बाहर भगा देने की घटनाओं (Incidents of BHU doctors banning Muslim pregnant women out of hospital) को उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने सभ्य समाज के लिए शर्मनाक बताया है। उन्होंने दोषी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को तत्काल निलंबित करने की मांग की है।

राज्य मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि अखबारों में आई इन ख़बरों पर ख़ुद माननीय उच्च न्यायालय को संज्ञान ले कर ऐसे डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि इन डॉक्टरों ने न सिर्फ़ अपने पेशे बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों के प्रति भी धोखा किया है।

डॉ. कविता दीक्षित की डिग्री रद्द करे आईएमए | IMA to cancel Dr. Kavita Dixit’s degree

उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से भी बीएचयू की डॉक्टर कविता दीक्षित की डिग्री रद्द करने की मांग की है। जिन्होंने मदनपुरा निवासी फौज़िया शाहीन का यह कहकर इलाज करने से मना कर के भगा दिया कि तुम लोग कोरोना वाले हो। वहीं उन्होंने शिवपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों और स्टाफ़ के भी निलंबन की मांग की है जिन्होंने बजरडीहा मोहल्ले की रहने वाली गर्भवती हमना को भी यही कह कर देखने से मना कर दिया कि वो कोरोना वाले लोग हैं।

शाहनवाज़ आलम ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जानबूझ कर मुस्लिम पहचान और आबादी वाले इलाक़ों को हॉट स्पॉट कह कर उनके ख़िलाफ़ सामाजिक हिंसा को उकसा रही है, जिसमें ख़ुद साम्प्रदायिक डॉक्टरों की पूरी लॉबी भी शामिल है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) ख़ुद मरीज़ों के धार्मिक वर्गीकरण किये जाने का विरोध लगातार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक वायरस से पीड़ित इन डॉक्टरों के लिए बीएचयू के इमरजेंसी वार्ड में सिर्फ़ 26 वेंटीलेटरों का होना मुद्दा नहीं है जिसके भरोसे पूरे पूर्वांचल और बिहार के लोग ज़िंदा बच जाने की उम्मीद लगाए रहते हैं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमानों में कोरोना के ज़्यादा मरीज़ इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि उन्हीं की ज़्यादा जांच हो रही है। अगर दलितों की जांच ज़्यादा हो तो दलित मरीज़ ज़्यादा मिलेंगे, कुर्मियों की ज़्यादा जांच हो तो कुर्मी मरीज़ ज़्यादा मिलेंगे। ब्राह्मणों की ज़्यादा जांच हो तो ब्राह्मण मरीज़ों की संख्या ज़्यादा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ दिन बाद योगी जी सिर्फ़ कांग्रेसियों की जांच कराकर दावा करें कि कांग्रेसी ही कोरोना फैला रहे हैं।

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