Book review : Bhimrao Ambedkar Ek Jeevani by Jaffrelot Christophe in Hindi अंबेडकर पर ज़्यादातर भाववादी लेखन दिखता है। जिसकी दिक़्क़त है कि वो समझ से ज़्यादा भक्तिभाव उत्पन्न करता है, जो अपने से बड़ी भावनाओं के राजनीतिक उभार के दौर में बहुत आसानी से उसमें समाहित हो जाता है। यहाँ तक कि अगर सत्ता किसी समुदाय के जनसंहार की …
Read More »Tag Archives: अंबेडकर का चिंतन
65 साल बाद भी जीवंत और प्रासंगिक बाबा साहब
Babasaheb still alive and relevant even after 65 years क्या सिर्फ दलितों के नेता थे डॉ. अंबेडकर? 1956 में आज ही के दिन – 6 दिसंबर को – नहीं रहे थे बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर; मगर कमाल ही है उनका व्यक्तित्व और कृतित्व, जिसके चलते वे आज साढ़े छः दशक बाद भी न सिर्फ जीवंत और प्रासंगिक है बल्कि …
Read More »अंबेडकर से लेकर लोहिया : क्यों मार्क्सवादी दृष्टिकोण के विरोधी हो गए ?
अंबेडकर से लेकर लोहिया तक जाति और वर्ग की प्रतीकात्मक धारणाओं के पीछे के ऐतिहासिक कारणों को आत्मसात् करने में विफल रहने के कारण मार्क्सवादी दृष्टिकोण के विरोधी हो गए वर्ग और जाति —अरुण माहेश्वरी वीरेन्द्र यादव की फेसबुक वॉल पर जाति और वर्ग के बारे में डॉ. लोहिया के विचार के एक उद्धरण* के संदर्भ में : जाति हो …
Read More »सौदेबाज़ समाजवादी लोहिया को भारत-रत्न देने की मांग करके मृत्योपरांत उनका अपमान कर रहे.
कृपया लोहिया के लिए भारत-रत्न नहीं!! 23 मार्च डॉ. राममनोहर लोहिया (23 मार्च 1910-12 अक्तूबर 1967) का जन्मदिन होता है। इस अवसर पर होने वाले आयोजनों में कुछ लोग उन्हें भारत-रत्न देने की मांग सरकार से करते हैं। इस बार भी किसी कोने से यह मांग दोहराई जा सकती है। इस संबंध में मैंने मई 2018 में एक टिप्पणी लिखी …
Read More »रामविलास शर्मा जिन्होंने इस मिथ का खंडन किया कि प्राचीनकाल में ब्राह्मणों की प्रधानता थी
हिंदी के महान आलोचक रामविलास शर्मा का आज जन्मदिन है | इतिहास में आज का दिन | आज का इतिहास Today is the birthday of Ram Vilas Sharma, a great critic of Hindi अस्मिता, अंबेडकर और रामविलास शर्मा रामविलास शर्मा के लेखन में अस्मिता विमर्श को मार्क्सवादी नजरिए से देखा गया है। वे वर्गीय नजरिए से जाति प्रथा पर विचार …
Read More »स्वतंत्रता दिवस के कर्तव्य : मोदी को लाने वालों में सबसे पहला नाम मनमोहन सिंह का है
(यह लेख साल 2013 के स्वतंत्रता दिवस पर (Article on independence day) ‘युवा संवाद‘ मासिक के ‘समय संवाद‘ स्तंभ में छपा था। साल 2020 के स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाओं के आदान-प्रदान (Exchange of wishes on independence day) के साथ हम कुछ आत्मालोचना भी करें, इस उम्मीद पर यह लेख यथावत रूप में फिर जारी किया गया है। मेरी कई बातें …
Read More »उनके राम और अपने राम : राम के सच्चे भक्त संघ के राम के बदले अपने राम की सनातन मूरत को नहीं छोड़ देंगे
(यह लेख करीब 20-22 साल पहले का होगा। ‘जनसत्ता’ में छपा था. कल अयोध्या में राम-मंदिर के लिए भूमि-पूजन। ऐसे ही लगा की लेख फिर से जारी कर दिया जाए- प्रेम सिंह) संघ संप्रदाय अपनी यह घोषणा दोहराता रहता है कि अयोध्या में जल्दी ही श्रीराम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा। बीच-बीच में यह खबर भी आती रहती है कि …
Read More »शांति स्वरूप बौद्ध : ढह गया आंबेडकरी आंदोलन का एक और स्तम्भ !
इतिहास पुरुष शांति स्वरूप बौद्ध का आकस्मिक निधन विगत ढाई महीनों से कोरोना के दहशत भरे माहौल में लिखते-पढ़ते भारी राहत के साथ दिन इसलिए कट रहे थे क्योंकि अपना कोई आत्मीय – स्वजन, इसकी चपेट में नहीं आया था। किन्तु 6 जून की शाम 4 बजे जिस खबर से रूबरू हुआ, वह हमारे लिए कोरोना काल की सबसे …
Read More »जो राजनीति और रंगमंच के अन्तर्सम्बन्ध को नहीं जानता वो ‘रंगकर्मी’ नहीं !
रंगमंच और राजनीति : Theater and Politics मूलतः रंगमंच एक राजनैतिक कर्म है जो राजनीति और रंगमंच के अन्तर्सम्बन्ध को नहीं जानता वो ‘रंगकर्मी’ नहीं है! आज का समय ऐसा है, आज का दौर ऐसा है आज विपदा का दौर है, संकट का दौर है, महामारी का दौर है, या भारत के संदर्भ में कहूं तो एक ऐसा दौर है …
Read More »आज भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ख़तरा है, नफ़रत की संस्कृति को जड़ से उखाड़ने की आवश्यकता है
Today there is a threat to freedom of expression in India, the culture of hate needs to be uprooted बाबा साहेब अंबेडकर के 129वें जन्म दिन पर आपका हार्दिक स्वागत और सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं !! इतने वर्षों में ये पहली बार है कि जब दिल्ली के संसद मार्ग पर अम्बेडरवादियों की भीड़ नहीं होगी और लोग संसद भवन …
Read More »पहले से ही संकट में घिरे अंबेडकरवाद को और संकटग्रस्त करने जा रहा है कोरोना
कोरोना से और संकटग्रस्त हो सकता है अंबेडकरवाद | Ambedkarism may be further threatened by Corona आज 14 अप्रैल है। इस दिन भारत समेत पूरे विश्व में अंबेडकर जयंती (AMBEDKAR JAYANTI) हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। किन्तु इस बार हर्षोल्लास सिरे से गायब रहेगा। वजह कोरोना है! The whole world is terrorized by Corona and following the ‘Social Distance’ to …
Read More »जाति के विनाश के बाद ही मिलेगी सामाजिक और आर्थिक आज़ादी
The destruction of the institution of caste is the basic foundation of Dr. Ambedkar’s thinking and philosophy. अप्रैल का महीना (Month of april) डॉ. बी. आर. आंबेडकर के जन्म का महीना है। 14 अप्रैल 1891 के दिन उनका जन्म हुआ था। इस अवसर पर उनकी राजनीति की बुनियादी समझ (Basic understanding of Dr। B। R। Ambedkar’s politics) को एक बाद …
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