नई दिल्ली, 22 जून 2022. भारत के उत्तर-पूर्व के क्षेत्र में हुई भारी मानसून की बारिश (Heavy Monsoon rains in the North-East region of India) और नदियों में उसके बाद बढ़े जलस्तर के कारण हाल ही में भारत और बांग्लादेश में सीमा से सटे कुछ प्रमुख क्षेत्रों में बाढ़ आई। इसके चलते लाखों लोग फंसे हुए हैं और मानवीय संकट …
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पारिस्थितिकी, पर्यावरण तथा विकास के बीच संतुलन बनाने पर गडकरी का जोर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का पारिस्थितिकी, पर्यावरण तथा विकास के बीच संतुलन बिन्दु बनाये रखने पर जोर Gadkari’s emphasis on striking a balance between ecology, environment and development नई दिल्ली, 17 जून 2022. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने पारिस्थितिकी, पर्यावरण तथा विकास के …
Read More »क्रिप्टो करेंसी को क्यों ख़त्म होना ही चाहिए?
क्या दुनिया को क्रिप्टो करेंसी की आवश्यकता है (Does the world need cryptocurrency), जो राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन (State sovereignty) करने वाली तमाम आपराधिक गतिविधियों को पनाहगाह उपलब्ध करवाती है और लोगों व पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है। बिटकॉइन (Bitcoin) और इथेरियम, सोलाना, डोजकॉइन और लूना जैसी दूसरी क्रिप्टोकरंसी की बहुत चर्चा रही, लेकिन हमने बीते कुछ सालों में …
Read More »रेत पर अमरूद की खेती कर कृषि को नया आयाम देते किसान
अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है कृषि और किसान खेती किसानी अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. प्रत्येक देश का विकास कृषि उत्पादन पर निर्भर है. महामारी के दौरान खेती किसानी ही भारत की बड़ी आबादी के लिए ईंधन का काम किया है. अच्छे मौसम की वजह से रबी और खरीफ फसलों का उत्पादन भी बेहतर हुआ है. यह जरूर है कि सब्जियों और …
Read More »भविष्य की अर्थव्यवस्था की जरूरत है कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप
The economy of the future needs agricultural technology startups भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़े स्टार्टअप्स बेहद महत्वपूर्ण हैं नई दिल्ली, 20 मई: कृषि प्रौद्योगिकी से जुड़े स्टार्टअप्स (Agricultural technology startups) भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री …
Read More »श्रीलंका के आर्थिक संकट का असली दोषी कौन?
Who is the real culprit of Sri Lanka’s economic crisis? श्रीलंका के संकट को भड़काने में क्या नवउदारवाद की भूमिका है? श्रीलंका के आर्थिक संकट पर इतना कुछ लिखा जा चुका है कि उससे संबंधित तथ्य काफी हद तक आम जानकारी में आ चुके हैं। मिसाल के तौर पर 22 अप्रैल के फ्रंटलाइन में प्रकाशित, सी पी चंद्रशेखर के लेख …
Read More »लोमड़ी ने मोदीजी से अर्थशास्त्र सीखा अब अंगूरों से मुनाफा कमाएगी
चालाक लोमड़ी को जंगल के कानून भी पता हैं और जंगलराज का अर्थ भी कहानी अब बदल गई है। समय की मांग है। जब देश बदल गया है। लोग बदल गए हैं। धर्म के मायने बदल गए हैं। त्योहार मनाने का तरीका बदल गया है। नोट बदल गए हैं। नेता बदल गए हैं, तो फिर कहानी क्यों न बदले। कब …
Read More »महामारी के दौरान भारत में स्कूली शिक्षा का हाल
The condition of school education in India during the pandemic : Vijay Shankar Singh इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के संभावित प्रकोप (Possible outbreak of new variant Omicron of Corona) को देखते हुए, देश में 2022 में होने वाले चुनाव टाल दिए जाएं। चुनाव कराने की शक्तियां …
Read More »वर्ल्ड इनिक्वालिटी रिपोर्ट : घटी नहीं बल्कि बढ़ी है आजादी के बाद आर्थिक असमानता
World inequality report in Hindi : देश और दुनिया का राजकाज लोगों की भलाई से भटक चुका है! सबसे अमीर 10 फ़ीसदी लोगों की भारत की कुल आमदनी में हिस्सेदारी (10 percent of the richest people share in India’s total income) बढ़कर 57% की हो गई है, जबकि आजादी के पहले 10 फ़ीसदी सबसे अधिक अमीर लोगों की हिस्सेदारी कुल …
Read More »अंधा बांटे रेवड़ी फिर-फिर अपने को दे
एक बात तय है कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के क्रम में देश की राजनीति और सम्पूर्ण समाज को ही विपक्षविहीन बना देने को मैदान में उतरे मोदी-शाह एक भी ऐसा मौका नहीं छोड़ते जब वे दूसरों के प्रति अपनी घृणा का खुलकर प्रदर्शन न करते हों। अब कल नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के कार्यालय में पहले ऑडिट दिवस …
Read More »क्रूर नोटबंदी के पांच साल
Five years of brutal demonetisation नोटबंदी पर देशबन्धु में संपादकीय आज | Editorial in Deshbandhu today आज से ठीक पांच साल पहले 8 नवंबर 2016 को नरेन्द्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक ऐतिहासिक लेकिन क्रूर फैसला (A historic but cruel decision related to India’s economy) लिया था। पांच सौ और हजार रुपए के नोट एक झटके में …
Read More »कोरोना संकट से फिर लग सकता है शिक्षा पर ग्रहण
Education can be eclipsed again due to Corona crisis देश में अर्थव्यवस्था और शिक्षा, दो ऐसे महत्वपूर्ण सेक्टर हैं जिसे कोरोना संकट का सबसे अधिक दंश झेलना पड़ा है। हालात सामान्य होने पर अर्थव्यवस्था जहां पटरी पर लौटने लगी थी, वहीं स्कूल कॉलेज खुलने से भी ऐसा लग रहा था कि शिक्षा व्यवस्था फिर से मज़बूत होगी। लेकिन संकट अभी …
Read More »कृषि पर महात्मा गांधी का कहा कोविड कालखण्ड में सिद्ध हो चुका
पालनहार होने के बावजूद उपेक्षित क्यों कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था? Why are agriculture and rural economy neglected despite being sustainable? भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावपूर्ण विशेषता (The most important and influential feature of the Indian economy) इसका कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था होना है। एक तरफ यह इसकी विशेषता एवं उपलब्धि है, तो दूसरी ओर यह एक बड़ी चिंता …
Read More »अर्थव्यवस्था सर्कस का शेर नहीं जो रिंगमास्टर के इशारे पर नाचेगा : चिदंबरम
The economy is not the lion of the circus who will dance at the behest of the ringmaster: Chidambaram पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि अर्थव्यवस्था काफी हद तक बाजार पर निर्भर है और ये मांग और आपूर्ति के सिद्धांतों पर काम करता है। उन्होंने कहा, “जब तक सरकार गरीबों की जेब में पैसा नहीं डालेगी, और गरीबों …
Read More »देश के लिए खतरनाक है सार्वजनिक उपक्रमों की उपेक्षा और उनका निजीकरण
Neglect and privatization of PSUs is dangerous for the country सार्वजनिक उपक्रमों की उपेक्षा और निगमीकरण के रास्ते पर देश Country on the path of neglect and corporatisation of PSUs (सार्वजनिक क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार (Corruption in the public sector), लालफीताशाही, नौकरशाही, अफसरशाही, भाई-भतीजावाद, फिजूलखर्ची को रोकने और इस पर नियंत्रण लगाने के बजाए उसका निजीकरण एवं निगमीकरण करना देशहित …
Read More »अब इस किसान असंतोष को सरकार नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है
निरन्तर उपेक्षा का दंश झेलता किसान | Farmers facing the brunt of constant neglect 2014 के लोकसभा चुनाव (2014 Lok Sabha Elections) में अनेक लोकलुभावन वादों के बीच, किसानों के लिये सबसे प्रिय वादा भाजपा का था (BJP’s most beloved promise to farmers), 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करना। साथ ही एमएस स्वामीनाथन आयोग की संस्तुतियों (Recommendations of MS …
Read More »भैंस की उन्नत प्रजातियों के विकास में मददगार हो सकता है नया आनुवंशिक अध्ययन
New genetic studies may be helpful in the development of advanced species of buffalo नई दिल्ली, 25 सितंबर (इंडिया साइंस वायर):भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुपालन की भूमिका (Role of Animal Husbandry in Indian Economy) अहम मानी जाती है और पालतू पशुओं में भैंस का महत्व सबसे अधिक है। देश में होने वाले कुल दूध उत्पादन में भैंस से मिलने वाली दूध …
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