आरएसएस के बारे में दोबारा सोचो ! जब करपात्री महाराज ने कहा आरएसएस के लोग जाहिल हैं
सवाल यह है आरएसएस ने जनता का दिल कैसे जीता ? क्या भारत संकीर्णतावादी देश है? मथुरा में आरएसएस के जितने परिचित थे वे कभी गाली नहीं देते थे। मधुरभाषी थे, मिठाईप्रेमी थे, चाय पीना पसंद कम करते थे। फेसबुक के जन्म, इंटरनेट आगमन और आरएसएस के साइबर सैल के जन्म के साथ एकदम उलटा …
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