पंडित नेहरू ने अपने भाषण का प्रारंभ करते हुए कहा था कि वर्षों पूर्व हमने नियति से एक वादा किया था. हमने एक शपथ ली थी, एक प्रतिज्ञा ली थी. आज उस प्रतिज्ञा को पूरा करने का अवसर आ गया है. शायद वह प्रतिज्ञा अभी सही मायने में पूरी नहीं हुई है परंतु उसकी पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण …
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