गाँव और किसान बचेंगे, तो शहर बचेगा
कोरोना डायरी | Corona diary “तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आँकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है” आजादी के 73 साल बाद भी गाँव और किसान की हालत क्यों नहीं बदली? इस सवाल पर सरकार के पास सिवाए जुमले के कुछ नहीं है। गाँव की हकीकत दयनीय है, लेकिन फिर …