सेडिशन धारा 124A, राजद्रोह कानून और उसकी प्रासंगिकता | Sedition section 124A, sedition law and its relevance भारत में राजद्रोह कानून की व्याख्या सेडिशन, धारा 124A (124a ipc in hindi) के अनेक मुकदमों में सबसे ताज़ा और विवादास्पद मुकदमा दिशा रवि का है, जिन्हें किसान आंदोलन 2020 (Peasant movement 2020) के समर्थन में, एक टूलकिट को संपादित और सोशल मीडिया …
Read More »Tag Archives: गैर-कांग्रेस वाद
लोहिया ट्रस्ट की बैठक : शामिल हुए यादव, यादव और यादव जी, साथ में एक मिश्रा जी भी
लखनऊ में बनेगा लोहिया भवन, लोहिया के विचारों से देश का भला होगा-मुलायम, गैर भाजपावाद समय की मांग – शिवपाल लखनऊ 22 फरवरी, 2021. प्रख्यात विचारक, बयालीस की क्रांति व गोआ मुक्ति संग्राम के नायक राममनोहर लोहिया के शिष्य मुलायम सिंह यादव की अध्यक्षता में लोहिया ट्रस्ट की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें लोहिया जी के सैद्धांतिक व प्रासंगिक विचारों के …
Read More »मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार से कैसे निपटेंगे भटकते कारपोरेट समाजवादी !
How will wandering corporate socialists deal with the Modi government and the Yogi government ! मैंने समाजवाद और प्रख्यात समाजवादियों के संघर्ष (Conflicts of eminent socialists) पर काफी अध्ययन किया है समझने का प्रयास किया है। मेरा मानना है कि सच्चे समाजवादी ही मोदी और योगी सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध कर सकते हैं। बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा …
Read More »मुस्लिम विरोधी आक्रामकता के प्रदर्शन की भाजपा-शासित राज्यों में शर्मनाक होड़
Embarrassing competition for anti-Muslim aggression in BJP-ruled states मोदी राज को बहुसंख्यकवादी चेहरा चमकाने का ही सहारा भाजपा-शासित राज्यों में एक शर्मनाक होड़ लगी हुई है। यह होड़ है मुस्लिम विरोधी आक्रामकता (Anti muslim aggression) के प्रदर्शन के जरिए, अपने बहुसंख्यकवादी समर्थन आधार को मजबूत करने की। मुस्लिम विरोधी आक्रामता के प्रदर्शन के लिए नित नये-नये बहाने बेशक, संघ तथा …
Read More »जब बहुत से कांग्रेसी खुलकर या दबे-छिपे भाजपा के मददगार बन गए थे
देशबन्धु : चौथा खंभा बनने से इंकार – 31 अविभाजित मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ ने प्रदेश को चार मुख्यमंत्री दिए- प्रथम मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल, राजा नरेशचंद्र सिंह, श्यामाचरण शुक्ल और मोतीलाल वोरा। इस लिस्ट में रिकॉर्ड के लिए चाहें तो क्रमश: कसडोल व खरसिया से पद ग्रहण के बाद उपचुनाव जीते द्वारकाप्रसाद मिश्र तथा अर्जुन सिंह के नाम भी जोड़ लें। …
Read More »उत्तर प्रदेश का धर्मपरिवर्तन कानून : निर्दोषों का जीना हराम करने का हथियार
उत्तर प्रदेश में एक बहुत खतरनाक कानून लागू कर दिया गया है. इसका नाम है ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020‘ (Prohibition of Unlawful Religious Conversion Ordinance 2020 in Hindi). यह नया कानून हिन्दू राष्ट्रवादियों के इस आरोप पर आधारित है कि मुस्लिम पुरुष षड़यंत्र के तहत हिन्दू महिलाओं को अपने प्रेमजाल में फंसा कर सिर्फ इसलिए …
Read More »सरकार की प्राथमिकताएं कॉरपोरेट हित हैं, न कि जनहित या लोक कल्याण / विजय शंकर सिंह
The government’s priorities are corporate interests, not public interest or public welfare : Vijay Shankar Singh What is the economic policy of the government after 2014? सरकार की प्राथमिकताएं आखिर क्या हैं ? विकास हो रहा है तो जीडीपी क्यों गिर रही है। अर्थव्यवस्था में तमाम गिरावट के बाद पिछले छह सालों में केवल यही एक ‘उपलब्धि’ हुयी है कि …
Read More »वनाधिकार के आवेदन हाथों में लेकर सैकड़ों आदिवासी करेंगे प्रदर्शन, 4 को मुख्यमंत्री को सौंपेगी ज्ञापन : माकपा
Hundreds of tribals will hold forest applications in their hands, will hand over the memorandum to Chief Minister: CPI (M) रायपुर 02 जनवरी 2020. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, छत्तीसगढ़ किसान सभा और सीटू के नेतृत्व में सैकड़ों आदिवासी, किसान, मजदूर और अन्य नागरिक 4 जनवरी को प्रदर्शन करेंगे और वनाधिकार, बिजली, बालको के मुद्दे सहित अन्य जनसमस्याओं पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन …
Read More »बादल सरोज की यह चिट्ठी पढ़कर आग-बबूला हो जाएंगे मोदीजी !
बादल सरोज ने खत लिखकर मोदीजी से पूछा – भारत के किसानों से युद्ध सा काहे लड़ रहे हैं आप और आपकी सरकार ? केरल के बारे में कुछ नहीं जानते आप !! नई दिल्ली, 27 दिसंबर 2020. अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) के संयुक्त सचिव कामरेड बादल सरोज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखकर केरल के संबंध …
Read More »देश बचाना है तो अब देश को गैर-भाजपावाद के रास्ते पर चलाना होगा – अतुल कुमार अनजान
If the country is to be saved, now the country will have to follow the path of non-BJPism – Atul Kumar Anjan मोदी के दस वाक्यों में नौ वाक्य झूठ पर आधारित होते हैं -अतुल कुमार अनजान बाराबंकी 26 दिसंबर 2020. न जातिवाद, न धर्मवाद और न गैर-कांग्रेसवाद, देश को बचाना है तो अब गैर भाजपावाद के रास्ते पर देश …
Read More »पीएम मोदी भाजपा के गोर्बाचोव हैं! लोकतंत्र स्थगित हो गया है
PM Modi is BJP’s Gorbachov! Democracy has been suspended भाजपा आरएसएस ने संसद पर कब्जा जमा लिया है। यह टिपिकल इलाका दखल की बांग्ला शैली है। इलाका दखल का एक ही उत्तर है जनता के सक्रिय आक्रोशमय एक्शन। बंगाल में जन एक्शन से माकपा साफ हो गई सभी इलाकों से। इंतजार करो बाकी देश में भाजपा के खिलाफ जन कार्रवाई …
Read More »ट्रम्प हार गए हैं और बाइडेन जीत गए हैं, पर अमेरिका रंग भेद की आग में जल रहा है
America is burning in the fire of apartheid अमेरिका जल रहा है अमेरिका (यानी यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका – United States of America USA) विश्व का सबसे ताकतवर और खूंखार देश (The world’s most powerful and dreaded country) है, खास कर द्वितीय महा युद्ध के बाद, और भी खासकर जब सोवियत संघ का विघटन हुआ. उसके साथ ही, जहाँ विश्व …
Read More »जन आंदोलनों को धर्म के चश्मे से देखना आत्मघाती और राष्ट्रघाती… जब आप जैसी जनता होगी तो कोई भी शासक, तानाशाह बन ही जायेगा
Seeing mass movements through the prism of religion is suicidal अब एक नया तर्क गढ़ा जा रहा है कि इन किसानों को भड़काया जा रहा है। यह भड़काने का काम कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस एक विपक्षी दल है और इन कृषि कानूनों को चूंकि सरकार जो भाजपा की है, पारित किया है, तो यह इल्ज़ाम आसानी से कांग्रेस के …
Read More »ओवैसी क्यों देश के लिए हानिकारक और भाजपा के लिए लाभदायक हैं
चुनावों में क्या वाकई चुनने के लिए कुछ नहीं है? Dr Ram Puniyani‘s Hindi Article – Bihar Elections: Role of Owaisi पिछले लगभग तीन दशकों से समय-समय पर कहा जाता रहा है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. इसी धारणा के चलते तीसरे मोर्चे की आवश्यकता महसूस की गई. तीसरे मोर्चा से आशय है गैर-भाजपा …
Read More »संविधान के उद्देश्यों को व्यर्थ करने वाले चैम्पियन शासक हैं नरेन्द्र मोदी !
सभी प्रधानमंत्रियों ने की संविधान निर्माता के चेतावनी की अनदेखी ! 26 November, Constitution Day in Hindi आज 26 नवम्बर है संविधान दिवस ! 1949 में आज ही के दिन बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर ने राष्ट्र को वह महान संविधान सौंपा था। भारतीय संविधान की उद्देशिका (Preamble of Indian Constitution) में भारत के लोगों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय …
Read More »किसान आंदोलनों की परंपरा और किसान आंदोलनों का संक्षिप्त इतिहास
The tradition of peasant movements and a brief history of peasant movements 26 नवम्बर को किसानों का दिल्ली कूच कार्यक्रम है। वे वहां पहुंच पाते हैं या नहीं यह तो अभी नहीं बताया जा सकेगा, लेकिन तीन नए कृषि कानूनो के असर देश की कृषि व्यवस्था पर पड़ने लगे है। धान की खरीद पर इसका असर साफ दिख रहा है। …
Read More »संस्मरण – दंगा 1984 : देश की एकता के लिये अभिशाप हैं धर्म और जाति से प्रेरित दंगे
Riots inspired by religion and caste are a curse for the unity of the country. धर्म के नाम पर हुए व्यापक दंगों या नरसंहारों को याद रखा जाना चाहिए। उन्हें याद रखना इसलिए भी ज़रूरी है कि ताकि धर्मान्धता या अन्य पागलपन के दौर में हम, जो अक्सर भूल जाते हैं कि हम एक अदद इंसान भी हैं, उसे न …
Read More »मोदी राज में यह पहला चुनाव जब एनडीए विपक्ष की पिच पर खेलने को मजबूर
मंडल उत्तरकाल में सामाजिक न्याय की ऐसी उपेक्षा कभी नहीं हुई – दुसाध 28 अक्टूबर से तीन चरणों बिहार विधानसभा-2020 का चुनाव शुरू हो रहा है. इस बेहद महत्वपूर्ण चुनाव पर प्राख्यात शिक्षाविद प्रो. जी सिंह कश्यप ने डाइवर्सिटी मैन ऑफ इंडिया (Diversity Man of India) के रूप में विख्यात एच एल दुसाध से एक साक्षात्कार लिया था. प्रस्तुत है …
Read More »लोकहित के मामले चुनावी मुद्दे क्यों नहीं बनते हैं ?
Why do public interest matters not to become electoral issues? बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव प्रचार (Bihar Assembly 2020 election campaign) में एक दिलचस्प परिवर्तन दिख रहा है। यह परिवर्तन एन्टी इनकम्बेंसी (Anti-incumbency) का नहीं, जाति और धर्म के ध्रुवीकरण का नहीं, किसी के प्रति सहानुभूति की लहर का नहीं, डीएनए टाइप भाषणों के विरोध का नहीं और न ही …
Read More »बिहार : चक्रव्यूह में फंसे नीतीश अब तो हार के ही जीत सकते हैं
Bihar: Nitish trapped in Chakravyuh can now win only after the defeat प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने यूं तो पिछले छ: साल में किसी भी चुनाव में अपनी ओर से कोई कोशिश उठा नहीं रखी है, फिर भी बिहार में विधानसभा के चुनाव (Assembly elections in Bihar) में वह जितना और जिस तरह जोर लगा रहे हैं, …
Read More »स्मिता पाटिल जितना सहज समानांतर फिल्मों में दिखती है उतनी कामर्शियल फिल्मों में नहीं, जानते हैं क्यों ?
Today, 17 October is Smita Patil’s birthday. आज 17 अक्टूबर स्मिता पाटिल का जन्मदिन है। स्मिता के फिल्मी हिस्से की जानकारी, जिसमें उनकी अदाकारी, प्रस्तुतिकरण की सहजता वगैरह पर बात होती ही रहती है, हम उस हिस्से को औरों के लिए छोड़ दें और दूसरे रुख को सामने करें तो स्मिता को समझने में आसानी होगी। Smita Patil was born …
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