लाइब्रेरी में लहू बहाती लाठी —————— लाठी की आँख नहीं होती पुस्तकें नहीं पढ़ती सोचती नहीं लाठी लाठी का रिश्ता जिस्म से है सत्ता का हाथ लाठी लहू बहाती लाठी तन/मन पर जख्म छोड़ती जामिया की लाइब्रेरी में घुसी परंपरा निभाई संविधान की धज्जियाँ उड़ी निहत्थों की जमकर धुनाई अपना धर्म निभाती लाठी ☘️ जसबीर चावला
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