क्योंकि बिना कर्म के, चिन्तन निष्फल है, अनुर्वर है
लोग कहते हैं कि, सोचने से कुछ नहीं होता, सिद्धान्त गढ़ने से भी, और विचार करने से भी, कुछ नहीं होता, यह एक अर्ध सत्य है, इस दुनिया में सोचने वाले, विचार करने वाले, सिद्धांत गढ़ने वाले, चल दिये तो, सब कुछ हो गया, घोर अंधकार में भी, सहर उग गया। धरती हँस उठी, आसमान …
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