News of the week : गुमराह करती सरकार ! कृषि कानून | किसान आंदोलन | सप्ताह की बड़ी खबर कृषि कानूनों पर सरकार का जबर्दस्त
Tag: तीनों नए कृषि कानूनों का विश्लेषण
कृषि कानूनों का निरस्तीकरण : मोदीजी की माफीवीरता किसानों के संघर्ष और बलिदान की पहली उपलब्धि
कृषि कानूनों का निरस्तीकरण : किसानों के संघर्ष और बलिदान की पहली उपलब्धि Repeal of cruel agricultural laws: the first achievement of the struggle and
क्या सत्यपाल मलिक की चेतावनी से रद्द हुए तीन कृषि कानून!
क्या मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा दी गई चेतावनी तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए जिम्मेदार है? Is the stern warning given
उपेंद्र कुशवाहा ने ललकारा, कृषि कानूनों का विरोध करें नहीं तो बिहार की खेती किसानी का होगा नुकसान
Upendra Kushwaha ki Kisan Chaupal पटना, 24 फरवरी. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (National President of Rashtriya Lok Samata Party Upendra
किसानों को बंधक बनाने की साजिश रची है सरकार ने, मोदी सरकार में शामिल रही पार्टी का वार
खेती-किसानी भी बाजार के हवाले करना चाहती है केंद्र सरकार : रालोसपा पटना, 21 फरवरी. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samata Party) ने केंद्र सरकार पर
हर क्षेत्र में सवर्ण वर्चस्व को बढ़ा रही है नरेन्द्र मोदी सरकार
विशद कुमार किसान आंदोलन के साथ एकजुटता में 18 फरवरी को 13वें व 19 फरवरी को 14वें दिन सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) और बहुजन स्टूडेंट्स
कृषि कानूनों पर देश को गुमराह कर रही है केंद्र सरकार : रालोसपा
पटना, 19 फरवरी. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (Rashtriya Lok Samata Party,) ने केंद्र सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर देशवासियों को गुमराह करने का आरोप लगाया
नरेंद्र मोदी बुरी तरह विफल, लाल किले की घटना भाजपा की साजिश : भाकपा
Narendra Modi failed miserably, BJP conspiracy in Red Fort incident: CPI भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार पर हमला किया Latest and
नए कृषि कानूनों का विरोध आखिर इतना क्यों ? काशी के ब्राह्मण ने समझाया
Why so much opposition to new agricultural laws? Brahmin of Kashi explained तीनों नए कृषि कानूनों का विश्लेषण नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान
संभव है उद्यम से उन्नति, जानिए कैसे
Sambhav Hai Udyam Se Unnati: motivational article in Hindi जब मैं इकनॉमिक टाइम्स (Economic Times), बिजनेस स्टैंडर्ड या योर स्टोरी में पढ़ता हूं कि फलां-फलां
राहुल ने मोदी- नड्डा को जमकर धोया, कहा मैं अपने देश की रक्षा करता हूं और यह काम मैं करता रहूंगा
पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी की साल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस, जेपी नड्डा कौन हैं? क्या मेरे प्रोफेसर हैं : राहुल गांधी Rahul Gandhi’s first
तो मितरों के लाभ के लिए बिना उचित विचार विमर्श के ही यह कृषि कानून बना दिए गए ?
Were these agricultural laws made without proper discussion? : Vijay Shankar Singh कृषि कानूनों में संवैधानिक अंतर्विरोध जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है और छन-छनकर
सुधार कृषि के नाम पर और लाभ अडानी ग्रुप को !
तीनों किसान कानूनों को वापस लेने में सरकार के सामने सबसे बड़ा धर्मसंकट है अडानी ग्रुप द्वारा कृषि सेक्टर में भारी भरकम निवेश (Adani Group
इन कृषि कानूनों पर क्या कैबिनेट में भी पर्याप्त विचार विमर्श हुआ था ?
Was there enough discussion on these agricultural laws in the cabinet too? – Vijay Shankar Singh अब जब नौ दौर की बातचीत के बाद भी
181 वूमेन हेल्पलाइन को बंद करने पर हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से मांगा जबाब
वर्कर्स फ्रंट की याचिका पर हुआ फैसला High court seeks reply from UP government on the closure of 181 women’s helpline Workers Front’s petition was
गणतंत्र दिवस मनाने से रोकने की याचिका अपने आप में ही, लोकतंत्र विरोधी है
सरकार, किसान और गणतंत्र दिवस समारोह Government, Farmers and Republic Day Celebrations / Vijay Shankar Singh आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का पर्व है।
सर्वोच्च न्यायालय कानूनों की संवैधानिकता के बजाय सरकार की असहजता के प्रति अधिक चिंतित है, न्यायपालिका के लिये दुःखद है यह स्थिति
The Supreme Court is more concerned about the discomfort of the government than the constitutionality of the laws, this situation is sad for the judiciary.
कृषि कानूनों पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी सरकार की अक्षमता का प्रतीक
कृषि कानूनों पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का विश्लेषण (Supreme Court’s comment on agricultural laws) करते हुए इस लेख में अवकाशप्राप्त वरिष्ठ आईपीएस अफसर विजय
नवउदारवादी/वित्त पूंजीवादी व्यवस्था के घोड़े की गर्दन पर किसानों की गिरफ्त!
Peasants’ neo-liberal / finance capitalist gripped on horse neck! प्रत्येक व्यवस्था की अपनी अन्तर्निहित गतिकी (डाइनामिक्स) होती है, जिसके सहारे वह अपना बचाव और मजबूती
आखिर सरकार कॉर्पोरेट को एमएसपी पर फसल खरीद के लिये कानूनन बाध्य क्यों नहीं कर सकती है ?
Why can’t the government legally force the corporate to buy crops on MSP? – Vijay Shankar Singh जब सरकार एमएसपी पर फसल खरीद सकती है
जानिए यह कृषि कानून किसके हित में है ?
Know who is in the interest of this agricultural law? : Vijay Shankar Singh यह कृषि कानून किसके हित में है, सरकार के, कॉरपोरेट के,