सनातनी मथुरा और तुलसीदास | Sanatani Mathura and Tulsidas यह जनश्रुति है तुलसीदास कभी मथुरा आए थे (Tulsidas ever came to Mathura) और मथुरा के किसी प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने गए, वहां श्रीकृष्ण का बड़ा सुंदर श्रृंगार किया गया था, तुलसीदास उस मूर्ति को देखकर विमुग्ध हो गए। वे श्रीकृष्ण के आनंद में डूब गए, लेकिन भगवान के सामने …
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दलित कविता के तीन तत्व हैं- अनुभव, आक्रोश और अधिकार बोध- बजरंग बिहारी तिवारी
अलवर (राजस्थान). 19 जुलाई 2020. नोबल्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामगढ़, अलवर (राज ऋषि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर) से संबद्ध एवं भर्तृहरि टाइम्स पाक्षिक समाचार पत्र, अलवर के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय स्वरचित काव्यपाठ/मूल्यांकन ई-संगोष्ठी-3 का आयोजन किया गया, जिसका विषय ‘दलित संदर्भ’ था। इस संगोष्ठी में देश भर से 15 युवा कवि-कवयित्रियों ने भाग लिया। संगोष्ठी में 23 राज्यों एवं …
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