Capitalist system and nepotism ग्लैमर की चमचमाती दुनिया बाहर से जितनी आकर्षक लगती है अन्दर से उतनी ही खोखली है, हालांकि इस चमचमाती दुनिया के अन्दर के खोखलेपन को दर्शाती फिल्में समय-समय पर बनती रहती हैं – जैसे 2005 में मधु भंडारकर की फिल्म ‘पेज-3’, 2008 में ‘फैशन’ व उसके बाद 2015 ‘कलेंडर गर्ल’ आई थीं, जिसमें फिल्म व फैशन …
Read More »